तितलियों के संसार में तितली महोत्सव का रोमांच हुआ शुरू, जानिए
टिहरी के देवलसारी पर्यावरण संरक्षण एवं विकास संस्थान की ओर से देवलसारी में तीन दिवसीय तितली महोत्सव का आयोजन शुरू किया गया।
नई टिहरी, जेएनएन। तितलियों के संसार में तितली महोत्सव का रोमांच शुरू हो गया है। देश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक, प्रसिद्ध फोटोग्राफर, विशेषज्ञ और शोध करने वाले छात्र यहां पहुंचे हैं। उन्होंने तितलियों की प्रजातियों के अलावा कई दुर्लभ वन्यजीव और पक्षियों के बारे में भी जाना। विशेषज्ञों ने विभिन्न प्रजातियों की तितलियों की विशेषताओं और जीवन को लेकर कई सारी जानकारी भी जुटाई।
देवलसारी पर्यावरण संरक्षण एवं विकास संस्थान की ओर से देवलसारी में तीन दिवसीय तितली महोत्सव का आयोजन शुरू किया गया। शुक्रवार को सुबह तितलियों का फोटो सेशन चला। साथ ही पतंगों पर अध्ययन किया। सुबह को विशेषज्ञ तितलियों के अध्ययन को निकले। उन्होंने यहां पर अभी तक विभिन्न प्रजाति की तितलियों को देखा है। यही नहीं, उन्होंने इस पर्यटन स्थल की जैव विविधता को भी जाना।
विशेषज्ञों का मानना है कि यहां की जलवायु, पर्यावरण और जिस तरह के पेड़-पौधे यहां पर हैं, वह तितलियों के लिए उपयुक्त हैं और वह इन तितलियों के बारे में बारीकी से जानकारी हासिल कर रहे हैं। महोत्सव में सौ से अधिक प्रकृति प्रेमी, विशेषज्ञ, प्रसिद्ध फोटोग्राफर यहां पहुंचे हैं। देहरादून से आए तितली विशेषज्ञ संजय सौंधी ने यहां पर तितलियों के विशेषताओं के बारे में जाना और इस स्थान को तितलियों के लिए उपयुक्त बताया। मुंबई के नेचुरल हिस्ट्री से आए सोहेल मदान ने भी यहां पर तितलियों का बारीकी से अध्ययन किया। इन लोगों को यह स्थान काफी पसंद आया।
उन्होंने न केवल तितलियों के बारे में जानकारी जुटाई, बल्कि इस स्थल की खूबसूरत वादियों को भी निहारा। फोटोग्राफरों ने यहां की प्राकृतिक सुंदरता को अपने कैमरे में कैद किया। तीन दिवसीय तितली महोत्सव के समापन पर यह पता लगाया जाएगा कि महोत्सव के दौरान कितनी प्रजाति की तितलियां दिखी। को तितलियों कीजीवनशैली और तितलियों के मनपसंद पौधे आदि का पता लग पाएगा। अभी तक विशेषज्ञों ने जो पता लगाया है, उससे अभी तक यहां पर 84 प्रजाति की तितलियों का पता चला है।
यहां से पहुंचे विशेषज्ञ व प्रकृति प्रेमी
- हैदराबाद, कर्नाटक, गोवा, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, देहरादून, मसूरी।
देवलसरी की विशेषता
प्रसिद्ध पर्यटक स्थल देवलसारी को तितलियों का संसार कहा जाता है। यहां पर करीब दो सौ से अधिक प्रजाति की तितलियां पाई जाती हैं। इसको देखते हुए यहां पर तितली महोत्सव का आयोजन किया गया है। इसके अलावा, यहां पर डेढ़ सौ से अधिक पक्षियों की प्रजाति एवं उडऩे वाली गिलहरी भी पाई जाती है। यह क्षेत्र पर्यटन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है।
अरूण गौड़ (निदेशक देवलसारी पर्यावरण संरक्षण एवं विकास संस्थान) का कहना है कि यहां पर तितलियों की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती है। इसको देखते हुए यहां पर तितली महोत्सव का आयोजन किया गया, ताकि विशेषज्ञ व प्रकृति प्रेमी तितलियों के बारे में जान सके। साथ ही इस पर्यटक स्थल हो पहचान दिलाने के लिए यह आयोजन किया गया।
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