ट्रीटमेंट के लिए 45 दिन बंद रहेगी गौरीकुंड हाईवे की सुरंग, जवाड़ी बाईपास से डायवर्ट होंगे केदारघाटी को जाने वाले वाहन
केदारनाथ हाइवे पर वर्ष 1960 में बनी सुरंग जर्जर हो चुकी है लिहाजा इसके ट्रीटमेंट का निर्णय लिया गया है। ट्रीटमेंट के लिए नेशनल हाईवे ने जिला प्रशासन से 45 दिन का समय मांगा है। केदारघाटी की ओर जाने वाले वाहनों को जवाड़ी बाईपास से डायवर्ट किया जाएगा।
By Edited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 10:36 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 11:19 PM (IST)
रुद्रप्रयाग, जेएनएन। गौरीकुंड (केदारनाथ) हाइवे पर वर्ष 1960 में बनी सुरंग जर्जर हो चुकी है, लिहाजा इसके ट्रीटमेंट का निर्णय लिया गया है। ट्रीटमेंट के लिए नेशनल हाईवे ने जिला प्रशासन से 45 दिन का समय मांगा है। इस दौरान रुद्रप्रयाग से केदारघाटी की ओर जाने वाले वाहनों को जवाड़ी बाईपास से डायवर्ट किया जाएगा। इस संबंध में जिला प्रशासन और नेशनल हाईवे के बीच एक दौर की वार्ता भी हो चुकी है।
केदारघाटी को जिला मुख्यालय से जोड़ने के लिए 60 वर्ष पूर्व गौरीकुंड हाईवे पर संगम बाजार के पास 67 मीटर लंबी सुरंग बनाई गई थी। लेकिन, उचित देखभाल न होने के कारण सुरंग अक्सर ऊपरी हिस्से से क्षतिग्रस्त होती रहती है। इससे बराबर अनहोनी का अंदेशा बना रहता है। वर्तमान में सुरंग दोनों छोर से कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो चुकी है। सुरंग पर लगाई गई सीमेंट की ईंट टूटकर नीचे गिर रही हैं और डामर भी पूरी तरह उखड़ चुकी है।
सुरंग के अंदर से पत्थर गिरने के कारण कई बार लोग चोटिल हो चुके हैं। साथ ही कई बार वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है। अब सुरंग की दशा सुधारने के लिए नेशनल हाईवे ने 45 दिन तक यातायात पूरी तरह प्रतिबंध रखने की मांग जिला प्रशासन के सामने रखी है। सुरंग के निरीक्षण को भूगर्भ वैज्ञानिकों की टीम भी बुलाई गई है। ताकि समस्या का स्थायी समाधान हो सके।
नेशनल हाईवे के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि ट्रीटमेंट के तहत सुरंग के ऊपर लगे पत्थर भी हटाए जाने हैं। जल्द ही कार्य शुरू करने के बारे में अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। उधर, जिलाधिकारी वंदना सिंह का कहना है कि सुरंग के ट्रीटमेंट को नेशनल हाईवे की डीपीआर को स्वीकृति मिल चुकी है।
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