Move to Jagran APP

Uttarakhand Tourism: हिमनगरी में प्रकृति, पशु-पक्षी दर्शन और ट्रैकिंग का आनंद; खलिया टॉप से होता है जन्नत का दीदार

Uttarakhand Tourism विश्व प्रसिद्ध औली की तरह से शीतकाल से मार्च तक मुनस्यारी के शीर्ष पर स्थित खलिया टॉप में स्कीइंग का भरपूर आनंद मिलता है। खलिया टॉप वन्यजीवों और दुर्लभ पक्षियों का दीदार कराने वाला विशेष ट्रैक भी बना चुका है। मुनस्यारी आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद खलिया ही रहता है। हिमनगरी मुनस्यारी को प्रकृति ने खूबसूरत नेमतें दी हैं।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Published: Fri, 26 Apr 2024 06:30 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2024 06:30 PM (IST)
हिमनगरी में प्रकृति, पशु-पक्षी दर्शन और ट्रैकिंग का आनंद

ओपी अवस्थी, पिथौरागढ़। इस बार गर्मियों की छुट्टी बिताने चले आइए हिमनगरी मुनस्यारी। चीन व नेपाल सीमा पर दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित जैव विविधता से लबरेज है यह खूबसूरत हिल स्टेशन। यहां प्रकृति के सुंदर नजारों के साथ-साथ उच्च हिमालयी दुर्लभ पक्षी-पक्षियों के दर्शन कर सकते हैं।

loksabha election banner

विश्व प्रसिद्ध औली की तरह से शीतकाल से मार्च तक मुनस्यारी के शीर्ष पर स्थित खलिया टॉप में स्कीइंग का भरपूर आनंद मिलता है। खलिया टॉप वन्यजीवों और दुर्लभ पक्षियों का दीदार कराने वाला विशेष ट्रैक भी बना चुका है। मुनस्यारी आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद खलिया ही रहता है।

खलिया की पहाड़ी से दिखती है जन्नत

खलिया की पहाड़ी के शीर्ष पर पहुंचकर आसपास बर्फ और चारों तरफ हिमाच्छादित चोटियों, सुरम्य वन और मनभावन दृश्य सुकून व शांति के शिखर पर ले जाता है। उच्च व मध्य हिमालयी दुर्लभ पक्षियों के अद्भुत संसार की वजह से बर्ड वाचिंग अब यहां लोगों की आजीविका का मुख्य साधन बन चुका है। पिथौरागढ़ जिले में स्थित आदि कैलास और ओम पर्वत दर्शन के लिए अक्टूबर 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद तो यहां का क्रेज और बढ़ गया है।

रंगे-बिरंगे बुरांस के जंगल मोह लेंगे मन

हिमनगरी मुनस्यारी को प्रकृति ने खूबसूरत नेमतें दी हैं। वन विभाग के नियंत्रण वाले इस क्षेत्र में आजकल बुरांस के पेड़ फूलों से खिल जाते हैं। खास बात यह है कि यहां लाल के अलावा बैंगनी, सफेद और पीले रंग के फूल भी खिलते हैं। यहां आप पैदल ट्रैक से न केवल अपने बर्ड वाचिंग के शौक को पूरा कर सकते हैं बल्कि एकांत व कलरव को एक साथ महसूस भी कर सकते हैं।

खलिया टॉप के सामने खड़ी हिमाच्छादित पंचाचूली व राजरंभा चोटी के विराट दर्शन यहीं से हो जाते हैं। शीतकाल में जनवरी से मार्च अंत तक खलिया टाप में स्नो स्कीइंग करना यादगार अनुभव बन जाता है। अप्रैल-मई तक यहां बर्फ रहती है। जैव विविधता के साथ-साथ यहां थामरी कुंड, मैसूर कुंड तथा ब‍िटलीधार ईको पार्क आदि दर्शनीय स्थलों को भ्रमण कर छुट्टियों को भरपूर एंजॉय कर सकते हैं।

बिर्थी फाल की फुहारों से भिगोएं तन-मन

मुनस्यारी से 38 किमी पहले ही पड़ता है प्रसिद्ध बिर्थी फाल। 132 मीटर की ऊंचाई से गिरने वाला यह झरना भी खलिया टॉप के ग्लेशियर से ही निकलता है। झरने के नीचे खड़े होकर आसपास के नजारे को निहारना बहुत ही शानदार एहसास कराता है। यदि आप मुनस्यारी पहुंचने से पहले रात में यहां विश्राम करना चाहते हैं तो कुमाऊं मंडल विकास निगम(केएमवीएन) का एक गेस्ट हाउस भी यहां है। यहां ऑनलाइन रूम बुक करा सकते हैं।

पचास किमी के दायरे में पशु-पक्षियों का संसार

उच्च हिमालय और उच्च मध्य हिमालय आकर्षक व दुर्लभ पशु-पक्षियों का वासस्थल है। खलिया टाप क्षेत्र में रेड फाक्‍स, स्नो काक, स्टायर ट्रोपागान आद‍ि अब झुंडों में नजर आने लगे हैं। खास बात यह है कि नर लाल लोमड़ी भी अब पर्यटकों और ट्रैकरों को दिखने लगे हैं। दरअसल मध्य हिमालय में खलिया ट्रैक सबसे सुगम और सड़क से जुड़ा क्षेत्र है। शीतकाल में खलिया से लेकर मुनस्यारी के आसपास के क्षेत्र में उच्च हिमालयी पशु-पक्षी पहुंच जाते हैं। खलिया टाप के जीरो प्वाइंट एर‍िया में इनका अधिकांश समय आवास रहता है। वर्ष 2012 से इस क्षेत्र में बर्ड वाचिंग व वन्यजीव तथा पक्षियों के संरक्षण का कार्य करने वाली मोनाल संस्था के सुरेंद्र पवार बताते हैं कि थल-मुनस्यारी मार्ग में पड़ने वाले गिनी बैंड से लेकर मुनस्यारी-मदकोट मार्ग में लगभग पचास किमी दायरे के जंगलों में पक्षियों का एक अद्भुत संसार बस चुका है। जो प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है।

इन जंगलों में उत्तराखंड के राज्‍य पक्षी मोनाल के अलावा स्नो पैटीज,बार थ्रोटेड शिवा,कोकलास, बेडेट वल्चर, स्ट्रायड ट्रैगोपान जैसे पक्षी खासे आकर्षित कर रहे हैं। जिसके चलते खलिया, कालामुनि, बिटलीधार, बलाती, मुनस्यारी, नंदा देवी मंदिर के निचले हिस्से पापड़ी से लेकर कैथी बैंड तक का क्षेत्र पशु-पक्ष‍ियों के सुंदर संसार का आभास कराते हैं। खलिया टाप का जीरो प्वाइंट क्षेत्र मोनाल पक्षी का मूल निवास रहा है। मोनाल अब जीरो प्वाइंट में ही नहीं बल्कि दूसरी तरफ बिर्थी झरने के उद्गम क्षेत्र को अपना ठिकाना बना चुके हैं।

ऐसे पहुंचें मुनस्यारी

कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी से वाया अल्मोड़ा होते मुनस्यारी तक सड़क मार्ग से दूरी 297 किमी है। वहीं टनकपुर से वाया पिथौरागढ़ होते हुए यह दूरी 282 किमी होती है। मुनस्यारी के लिए हल्द्वानी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, टनकपुर से टैक्सियां उपलब्ध रहती हैं। मैदानी क्षेत्र हल्द्वानी व टनकपुर तक आने के ल‍िए रेल सुव‍िधा और पंतनगर तक हवाई सेवा भी हैैै। इस बार अप्रैल से हल्द्वानी से मुनस्यारी के लिए हेलीकाप्टर सेवा भी शुरू हो गई है। मुनस्‍यारी नगर से समुद्र तल से 10500 फीट की ऊंचाई पर स्‍थ‍ित खलिया टॉप की दूरी करीब आठ किमी है। इसमें खलिया द्वार तक दो किमी दूरी वाहन से और आगे छह किमी पैदल ट्रैकिंग करनी होगी। खलिया द्वार बलाती में वन विभाग की चौकी स्थापित है। यहां से बीस रुपए की पर्ची कटवाकर आप खलिया टॉप चले जाइये। रात में यहां टेंट लगाकर भी रुक सकते हैं।

होम स्‍टे और पर्यटक आवास गृह भी बजट में

मुनस्यारी में करीब तीन दर्जन होटल व लाज तथा इतने ही होमस्टे भी हैं। इनमें कमरे पांच सौ से लेकर ढाई हजार रुपये तक में उपलब्‍ध हो जाते हैं। इसके अलावा कुमाऊं मंडल व‍िकास न‍िगम (केएमवीएन) के भुजानी स्‍थ‍ित पर्यटक आवास गृह में ठहरना चाहते हैं तो ऑनलाइन बुकिंग भी करा सकते हैं। वन विभाग के डाकबंगले में ठहरने के ल‍िए आपको पिथौरागढ़ डीएफओ कार्यालय से और लोनिवि डाकबंगला के ल‍िए एसडीएम कार्यालय मुनस्यारी से बुक‍िंग करानी होगी। जाड़े में यहां तापमान माइनस पांच से सात ड‍िग्री तक तो गर्मियों में 15 से 20 ड‍िग्री सेल्‍स‍ियस तक रहता है। मुनस्यारी के बाद यदि आप धारचूला तहसील के अंतर्गत आदि कैलास व ओम पर्वत के दर्शन भी करना चाहते हैं तो यहां से जौलजीबी,धारचूला होते हुए सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं।

यह भी पढ़ें: Char Dham Yatra 2024: अब CCTV कैमरे की निगरानी में होगी चारधाम यात्रा, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए खास निर्देश


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.