वीडीओ के बिना पंचर हुआ विकास का पहिया, सरकार की मंशा पर सवाल
प्रदेश में इस समय ग्राम विकास अधिकारियों के 950 पदों के सापेक्ष 655 सेवारत हैं, जबकि 295 रिक्त हैं। सेवारत अधिकारियों की नियुक्ति में तीन जिलों का दबदबा बना हुआ है।
पौड़ी, [मनोहर बिष्ट]: पृथक उत्तराखंड राज्य का गठन पहाड़ की दशा सुधारने के उद्देश्य से किया गया था। सरकार पहाड़ में सुविधाएं देने के भले ही लाख दावे करते हों, लेकिन तस्वीर ठीक इसके उलट है। हाल यह है कि डॉक्टर तो दूर पहाड़ में ग्राम विकास अधिकारियों तक का टोटा है, जो गांव के विकास के लिए जरुरी हैं। ऐसे में सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।
प्रदेश में इस समय ग्राम विकास अधिकारियों के 950 पदों के सापेक्ष 655 सेवारत हैं जबकि 295 रिक्त हैं। सेवारत अधिकारियों की नियुक्ति में तीन जिलों का दबदबा बना हुआ है। आंकड़ों के अनुसार देहरादून में वीडीओ के सृजित 60 पदों में से 57 में अधिकारी तैनात हैं, जबकि सिर्फ तीन पद रिक्त हैं। इसी तरह, हरिद्वार में 60 में से केवल चार पद रिक्त हैं। उधमसिंह नगर में भी सरकार मेहरबान हैं और यहां सृजित 70 पदों में से 63 में अधिकारी तैनात हैं और सिर्फ सात पद रिक्त हैं जबकि पहाड़ में शेष 10 जिलों में आधा से ज्यादा पद रिक्त हैं।
पौड़ी में 150 में से 61 पद खाली हैं। यह स्थिति तब है जबकि खुद मुख्यमंत्री पौड़ी जिले के हैं। यही नहीं, सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और एनएसए अजित डोभाल तक का रिश्ता पौड़ी से हैं। यही नहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी तक पौड़ी के निवासी हैं, बावजूद इसके अधिकारियों की तैनाती में पौड़ी की उपेक्षा पहाड़ की तस्वीर स्पष्ट करने को काफी है।
पहाड़ से फेरी नजरें, मैदान पर मेहरबान
सरकार ने ग्राम विकास अधिकारियों की नियुक्ति के मामले में पहाड़ी जिलों से नजरें फेरी हुई हैं, जबकि मैदानी जिलों पर मेहरबान हैं। समाजसेवी अनिल स्वामी का कहना है कि ग्राम विकास अधिकारी ग्राम पंचायत के विकास की पहली कड़ी होता है। लेकिन पहाड़ में इन अधिकारियों की नियुक्ति में दोहरा रवैया अपना रही है।
सरकार की इसी उदासीनता का नतीजा है कि पहाड़ में गांव के गांव खाली होते जा रहे हैं। सरकार जब पहाड़ के गांव स्तर का अधिकारी गांव में नियुक्त नहीं कर पा रही है, तो ब्लाक, जिला व मंडल स्तर की स्थिति स्वत: ही साफ हो जाती है। अपर आयुक्त ग्रामीण विकास विभाग डॉ. आरएस पोखरियाल का कहना है कि ग्राम विकास अधिकारियों के रिक्त 295 पदों पर नियुक्ति का अधियाचन अधीनस्थ चयन आयोग को भेजा गया है। जिन पर जल्द ही नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पहाड़ में अधिकारियों की कमी को दूर किए जाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
10 एबीडीओ की पदोन्नति का भेजा है प्रस्ताव
उत्तराखंड में 95 विकास खंड हैं, जिनमें खंड विकास अधिकारियों की कमी है। इसको देखते हुए ग्रामीण विकास निदेशालय ने 10 एबीडीओ की पदोन्नति खंड विकास अधिकारी पद पर किए जाने का अधियाचन शासन को भेजा है। इससे पहले भी 21 एबीडीओ की बीडीओ पदों पर पदोन्नति हो चुकी है।
यह है वीडीओ की स्थिति
जनपद कुल पद सेवारत रिक्त
अल्मोड़ा 106 53 53
चंपावत 40 21 19
पिथौरागढ़ 80 61 19
नैनीताल 80 67 13
बागेश्वर 34 21 13
पौड़ी 150 89 61
चमोली 90 48 42
रुद्रप्रयाग 30 15 15
टिहरी 90 66 24
उत्तरकाशी 60 38 22
यूएस नगर 70 63 07
हरिद्वार 60 56 04
देहरादून 60 57 03
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