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दुगड्डा के गोदी बड़ी गांव में पिंजरे में कैद हुआ गुलदार, दस अप्रैल को बच्ची को बनाया था निवाला

दुगड्डा नगर पालिका क्षेत्र से सटे ग्राम गोदी बड़ी में लगाए पिंजरे में बुधवार रात एक गुलदार फंस गया। दस अप्रैल को गांव में गुलदार ने एक मासूम को निवाला बनाया था जिसके बाद गांव में ङ्क्षपजरा लगाया गया।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 09:01 AM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 07:25 PM (IST)
दुगड्डा के गोदी बड़ी गांव में पिंजरे में कैद हुआ गुलदार, दस अप्रैल को बच्ची को बनाया था निवाला
दुगड्डा के गोदी बड़ी गांव में पिंजरे में कैद हुआ गुलदार। जागरण

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: दुगड्डा नगर पालिका क्षेत्र से सटे ग्राम गोदी बड़ी में लगाए पिंजरे  में बुधवार रात एक गुलदार फंस गया। दस अप्रैल को गांव में गुलदार ने एक मासूम को निवाला बनाया था, जिसके बाद गांव में ङ्क्षपजरा लगाया गया। गुलदार को चिडिय़ापुर रेस्क्यू सेंटर में प्राथमिक उपचार के बाद देहरादून के चिडिय़ाघर में भेजा जाएगा। 

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लैंसडौन वन प्रभाग की दुगड्डा रेंज के अंतर्गत शनिवार को ग्राम गोदी बड़ी में गुलदार ने साढ़े तीन वर्षीय माही पुत्री चंद्रमोहन डबराल को उस वक्त निवाला बना दिया, जब वह अपनी दादी के साथ खेत से घर की ओर जा रही थी। गुलदार माही को घसीटता हुआ रास्ते से नीचे झाडिय़ों में घुस गया। दादी के साथ आए अन्य ग्रामीणों ने झाड़ी की ओर पत्थर फेंकने के साथ ही शोर मचाया, जिसके बाद गुलदार माही को बुरी तरह घायल हालत में छोड़ जंगल की ओर भाग गया। गंभीर रूप से घायल माही को दुगड्डा स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

इधर, घटना की सूचना मिलते ही दुगड्डा रेंज अधिकारी किशोर नौटियाल मौके पर पहुंचे, जहां उन्हें ग्रामीणों का आक्रोश भी झेलना पड़ा। ग्रामीणों को शांत कर उन्होंने गांव में दो पिंजरे लगवा दिए। साथ ही घटनास्थल के आसपास तीन कैमरा ट्रैप भी लगाए गए। वन विभाग की टीम भी लगातार गांव में गश्त पर थी। इस बीच बीती रात गुलदार ङ्क्षपजरे में कैद हो गया। सूचना मिलते ही रेंज अधिकारी किशोर नौटियाल के साथ ही एसओजी प्रभारी अनुराग जुयाल भी पूरी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर तत्काल ही ङ्क्षपजरे को मौके से उठा कर नौड़ी वन विश्राम गृह में लाया गया। प्रभागीय वनाधिकारी दीपक कुमार व उप प्रभागीय वनाधिकारी दिनेश चंद्र घिल्डियाल ने गुलदार का जायजा लिया। प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि करीब 11 वर्षीय इस नर गुलदार के नाखून घिसे हुए हैं। साथ ही उसके ऊपरी जबड़े का एक कैनाइन भी घिसा हुआ था। बताया कि गुलदार को चिडिय़ापुर रेस्क्यू सेंटर में भेजा गया है, जहां से उपचार करने के बाद उसे देहरादून जू में भेज दिया जाएगा। बताया कि दूसरे पिंजरे को अभी हटाया नहीं गया है। 

कारगर रही दो पिंजरे की योजना

बुधवार रात गुलदार जिस पिंजरे  में फंसा, सोमवार को वन क्षेत्राधिकारी किशोर नौटियाल ने उसकी दिशा बदली थी। रेंज अधिकारी ने बताया कि गुलदार पकडऩे के लिए दो पिंजरे  लगाए थे, जिनमें से एक पिंजरे  को गांव की ओर रहे उस रास्ते में रखा गया था, जहां से गुलदार के आने की संभावना था। दूसरा पिंजरे घटनास्थल के समीप लगाया गया। बताया कि सोमवार को उन्होंने इस पिंजरे को उसी झाड़ी में रख दिया, जहां गुलदार मासूम को छोड़ कर भागा था। बताया कि इसी पिंजरे में गुलदार कैद हुआ। 

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