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पौड़ी गढ़वाल: भैंसोड़ा में पिंजरे में कैद हुआ गुलदार, कुछ दिन पहले ग्रामीण को बनाया था निवाला

पौड़ी गढ़वाल जिले के वीरौंखाल प्रखंड के अंतर्गत ग्राम भैंसवाड़ा में ग्रामीण को निवाला बनाने वाला गुलदार आखिरकार पिंजरे में कैद हो गया है। गुलदार के कैद होने की सूचना वन विभाग की थैलीसैंण रेंज में दे दी गई है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 28 Jun 2021 09:12 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jun 2021 07:53 PM (IST)
पौड़ी गढ़वाल: भैंसोड़ा में पिंजरे में कैद हुआ गुलदार, कुछ दिन पहले ग्रामीण को बनाया था निवाला
भैंसोड़ा में पिंजरे में कैद हुआ गुलदार, कुछ दिन पहले ग्रामीण को बनाया था निवाला।

संवाद सूत्र, वीरोंखाल। प्रखंड वीरोंखाल के अंतर्गत ग्राम भैंसोड़ा में वन विभाग की ओर से लगाए गए पिंजरे में सोमवार सुबह गुलदार कैद हो गया। हालांकि, गुलदार के कैद होने के बावजूद गांव में गुलदार की दहशत कम नहीं हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि पकड़ा गया गुलदार वह नहीं है, जिसने ग्रामीण को निवाला बनाया था।

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बताते चलें कि 22 जून की सुबह ग्राम भैंसोड़ा में गुलदार ने शौच को गए 38 वर्षीय दिनेश चंद्र को निवाला बना दिया। ग्रामीणों ने करीब डेढ़ घंटे की तलाश के बाद गांव से दूर झाड़ि‍यों में अधखाया शव बरामद किया था। घटना के अगले दिन वन विभाग की ओर से घटनास्थल पर पिंजरा लगा दिया गया। इधर, रविवार को गुलदार ने ग्राम मंगरो में मोहन सिंह की बकरी पर झपट्टा मारा। मोहन सिंह शोर मचाते हुए गुलदार से भिड़ गए और बकरी को बाघ के चंगुल से छुड़ाया। इसके बाद वन कर्मियों ने ग्रामीणों के सहयोग से पिंजरे को ग्राम मंगरों में शिफ्ट कर दिया और यहीं पर सोमवार सुबह गुलदार पिंजरे में कैद हुआ। ग्राम प्रधान सुरेंद्र ढौंढियाल से मिली सूचना के बाद गढ़वाल वन प्रभाग की थलीसैंण रेंज के वन क्षेत्राधिकारी अनिल सिंह रावत टीम समेत मौके पर पहुंचे और गुलदार को रेंज कार्यालय ले आए। देर शाम तक पशु चिकित्सक के न पहुंच पाने के कारण गुलदार का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हो पाया था।

सीला मल्ला में गुलदार ने मारा झपट्टा

सोमवार सुबह गुलदार ने ग्राम सीला मल्ला निवासी रामप्रसाद पर झपट्टा मारा। हमले में राम प्रसाद बाल-बाल बचे। मंगरो में गुलदार पकड़े जाने के बाद भी ग्रामीणों को पूर्ण विश्वास है कि आदमखोर गुलदार क्षेत्र में ही घूम रहा है। ग्रामीणों ने एक स्वर में क्षेत्र में फिर से पिंजरा लगाने की मांग की। इधर, रेंज अधिकारी अनिल रावत ने बताया कि यदि ग्रामीण फिर पिंजरा लगाने के संबंध में कोई पत्र देते हैं तो उसे अग्रिम कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को भेज दिया जाएगा।

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