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Garhwal Seat: गढ़वाल संसदीय सीट का गणित, यहां प्रत्याशियों को चढ़नी पड़ती है खड़ी चढ़ाई; अभी तक इस पार्टी का रहा दबदबा

Lok Sabha Election News गढ़वाल संसदीय सीट विषम भौगोलिक परिस्थिति से घिरी हुई है। उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद अभी तक हुए लोकसभा के चार चुनाव में इस सीट पर भाजपा का दबदबा रहा। भाजपा यहां से तीन बार और कांग्रेस एक बार जीत चुकी है। इस सीट पर करीब 84 प्रतिशत हिंदू दस प्रतिशत मुस्लिम चार प्रतिशत सिख और दो प्रतिशत इसाई मतदाता हैं।

By Jagran News Edited By: Aysha Sheikh Published: Mon, 11 Mar 2024 08:49 AM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2024 08:56 AM (IST)
Garhwal Seat: गढ़वाल संसदीय सीट का गणित

अजय खंतवाल, कोटद्वार। Lok Sabha Election 2024 : राज्य की सबसे बड़ी और विषम भौगोलिक परिस्थिति वाली गढ़वाल संसदीय सीट (Garhwal Lok Sabha Seat) का क्षेत्रफल 17,820.90 वर्ग किमी है। प्रदेश के पांच जिलों को समेटती इस सीट में जहां तीन पर्वतीय जिले पौड़ी, चमोली व रुद्रप्रयाग पूरी तरह समाहित हैं, वहीं टिहरी जिले के दो विधानसभा क्षेत्र देवप्रयाग व नरेंद्रनगर और नैनीताल जिले का रामनगर विधानसभा क्षेत्र शामिल है।

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सीट की विषम भौगोलिक परिस्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चुनावी दंगल में उतरने वाले प्रत्याशियों को जहां चीन सीमा से लगे नीती-माणा व केदारघाटी समेत उच्च हिमालयी क्षेत्र की खड़ी चढ़ाई नापनी पड़ती है, वहीं कोटद्वार भाबर के साथ ही रामनगर तक की दौड़ लगानी पड़ती है। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद अब तक हुए लोकसभा के चार चुनाव में इस सीट पर भाजपा का दबदबा रहा।

यह सीट तीन बार भाजपा और एक बार कांग्रेस के पास रही। राज्य बनने के बाद वर्ष 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के मेजर जनरल (सेनि) भुवनचंद्र खंडूड़ी ने इस सीट पर विजय प्राप्त की थी। वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सतपाल महाराज ने इस सीट पर कब्जा जमाया।

वर्ष 2014 में भाजपा के टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल (सेनि) भुवनचंद्र खंडूड़ी ने जीत दर्ज की। वर्ष 2019 में भाजपा के तीरथ सिंह रावत इस सीट पर विजयी रहे। तीरथ सिंह रावत को पूर्व मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी का राजनीतिक शिष्य माना जाता रहा है।

क्षेत्र में कुल 13.55 लाख मतदाता लैंसडौन में सबसे कम

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में गढ़वाल संसदीय सीट में मतदाताओं की कुल संख्या 13,55,776 थी। इसमें 6,46,688 महिला और 6,74,632 पुरुष मतदाता थे। वर्तमान में जनवरी 2024 तक प्राप्त मतदाता संख्या के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 13,58,703 है।

वर्ष 2019 में संपूर्ण गढ़वाल संसदीय सीट में पौड़ी जिले में सर्वाधिक 42.41 प्रतिशत से अधिक मतदाता रहे। रुद्रप्रयाग जिले में 14.13 प्रतिशत, चमोली में 22.40 प्रतिशत, टिहरी जिले की दो विधानसभा क्षेत्रों में 12.64 प्रतिशत और रामनगर विधानसभा क्षेत्र में 8.39 प्रतिशत मतदाता हैं। संसदीय सीट के अंतर्गत कुल 14 विधानसभा क्षेत्रों में सबसे कम 79,061 मतदाता लैंसडौन में हैं।

सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़े मतदाताओं की बड़ी भूमिका

इस सीट पर करीब 84 प्रतिशत हिंदू, दस प्रतिशत मुस्लिम, चार प्रतिशत सिख और दो प्रतिशत इसाई मतदाता हैं। हिंदुओं के दो प्रमुख तीर्थ धाम बदरीनाथ और केदारनाथ के साथ पंच बदरी व पंच केदार के अलावा सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ हेमकुंड साहिब समेत कई प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटन स्थल इस क्षेत्र में हैं।

गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर का मुख्यालय भी इसी सीट के अंतर्गत है। गढ़वाल संसदीय सीट में सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़े परिवारों की संख्या काफी अधिक है और यही मतदाता चुनाव में निर्णायक भूमिका का निर्वहन भी करते हैं।

जिलेवार सम्मिलित विस क्षेत्र

  • पौड़ी: पौड़ी, श्रीनगर, चौबट्टाखाल, लैंसडौन, कोटद्वार और यमकेश्वर।
  • चमोली: बदरीनाथ, कर्णप्रयाग, थराली।
  • रुद्रप्रयाग: केदारनाथ व रुद्रप्रयाग।
  • टिहरी: नरेंद्रनगर व देवप्रयाग। नैनीताल: रामनगर।

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