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उखड़ रहे तख्ते, खतरे में पुल, जान जोखिम में डाल आवाजाही कर रहे लोग, पढ़िए पूरी खबर

1951 में जिस वक्त जनपद पौड़ी गढ़वाल के अंतर्गत चौंदकोट क्षेत्रवासी अपने गांवों तक सड़क पहुंचाने के लिए श्रमदान कर रहे थे उसी दौरान असवालस्यूं व पटवालस्यूं पट्टी के ग्रामीण नयार नदी पर पैदल पुल बांध रहे थे।

By Edited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 10:45 PM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 10:27 PM (IST)
उखड़ रहे तख्ते, खतरे में पुल, जान जोखिम में डाल आवाजाही कर रहे लोग, पढ़िए पूरी खबर
उखड़ रहे तख्ते, खतरे में पुल, जान जोखिम में डाल आवाजाही कर रहे लोग, पढ़िए पूरी खबर

कोटद्वार, जेएनएन। 1951 में जिस वक्त जनपद पौड़ी गढ़वाल के अंतर्गत चौंदकोट क्षेत्रवासी अपने गांवों तक सड़क पहुंचाने के लिए श्रमदान कर रहे थे, उसी दौरान असवालस्यूं व पटवालस्यूं पट्टी के ग्रामीण नयार नदी पर पैदल पुल बांध रहे थे। सत्तर वर्ष होने को हैं, जीर्ण-क्षीण स्थिति में इस पुल से आमजन जान जोखिम में डाल आवाजाही कर रहा है। हैरानी की बात तो यह नए पुल की स्वीकृति के नौ वर्ष बाद भी आज तक सरकारी सिस्टम ने पुल निर्माण के नाम पर एक ईंट तक नहीं रखी है।

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सतपुली-पौड़ी मोटर मार्ग पर बौंसाल से करीब एक किमी. दूर दूर नयार नदी पर लकड़ी के तख्तों से बना पुल आज भी सरकारी सिस्टम की कलई खोलता नजर आ रहा है। कल्जीखाल ब्लॉक के भेटी, मुडनेश्वर, कल्जीखाल, नैल, सीरों, नाव, सरासू, मिरचौड़ा, भट्टीगांव, पडियार, टंगरोली, कांडा, मरगांव, जैंतोल सहित करीब चौरासी गांवों को सतपुली-पौड़ी मोटर मार्ग से जोड़ने वाला इस पुल के कुछ तख्ते उखड़ चुके हैं, जबकि कुछ तख्ते टूट गए हैं। करीब दस हजार से अधिक आबादी को सतपुली बाजार से जोड़ने वाले इस पुल से प्रतिदिन चालीस से पचास मैक्स वाहनों के साथ ही चार बसों की आवाजाही होती है। नौ वर्ष, चार लाख से पहुंचा 518 लाख 1950-51 में जनसहभागिता से बनाए गए इस पैदल पुल को अस्सी के दशक में मोटर पुल में तब्दील कर दिया गया। हालांकि, उस दौर में भी पुल में लकड़ी के ही तख्ते लगाए गए थे। सरकारी देखरेख के अभाव में समय के साथ तख्ते भी खराब होते चले गए। आज स्थिति यह है कि पुल कभी भी बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकता है।

वर्ष 2011 में शासन ने बौंसाल-भेटी मार्ग पर स्थित इस पुल के स्थान पर साठ मीटर लंबे स्टील गार्डर पुल निर्माण के लिए 4.80 लाख की धनराशि स्वीकृत करते हुए प्रथम चरण के कार्य के लिए दस हजार की धनराशि अवमुक्त कर दी। इस धनराशि से पुल निर्माण की विस्तृत कार्ययोजना (डीपीआर) तैयार की जानी थी। लोनिवि पौड़ी इकाई ने डीपीआर तैयार कर शासन में भेजी, लेकिन आगे की कार्यवाही ठंडे बस्ते में पहुंच गई।

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वर्ष 2019 में इस पुल के निर्माण का जिम्मा एशियन डेवलमेंट बैंक (एडीबी) की पौड़ी इकाई के सुपुर्द कर दिया गया। एडीबी ने पुल निर्माण के लिए 518.85 लाख की धनराशि स्वीकृत कर दी है। क्षेत्र वीआइपी, पुल की सुध नहीं नयार नदी में बना बौंसाल पुल एक ओर जहां गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत के पैतृक ग्राम सीरौं को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ता है, वहीं दूसरी ओर पूर्व सांसद व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी के ससुराल नैल भी इसी पुल से होकर पहुंचा जाता है। ग्राम भट्टी गांव निवासी विकास भट्ट बताते हैं कि क्षेत्र की जनता वर्तमान सांसद के साथ ही पूर्व सांसद से भी कई मर्तबा पुल निर्माण की मांग की चुकी है, लेकिन आज तक पुल नहीं बन पाया है। वहीं, पौड़ी इकाई के अधिशासी अभियंता अशोक नौटियाल का कहना है कि पुल निर्माण संबंधी तमाम औपचारिकताएं पूर्ण कर दी गई हैं। इसी माह के अंत तक पुल निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। 

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