गौरैया संरक्षण को आगे आए ये शख्स, तैयार कर रहे उनके आशियानें
पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार में गौरैया संरक्षण को एक अनोखी मुहिम चल रही है। यहां के निवासी दिनेश कुकरेती गौरैया के लिए घर तैयार कर रहे हैं।
कोटद्वार, [अजय खंतवाल]: गौरैया को बचाने के लिए पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार निवासी शिक्षक दिनेश कुकरेती पूरी शिद्दत से जुटे हुए हैं। दिनेश ने जहां अपने पूरे आवास को गौरैया का घर बना दिया है, वहीं कोटद्वार समेत आसपास के क्षेत्रों में गौरैया संरक्षण के लिए व्यापक मुहिम छेड़े हुए हैं।
स्वयं के खर्चे पर वे प्लाइवुड से 'गौरैया हाउस' बनाकर उन्हें लोगों को बांट रहे हैं। इनमें गौरैया न सिर्फ बच्चों को जन्म दे रही है, बल्कि यहां से कई बच्चे उड़ान भरना भी सीखते हैं।
जिधर नजर दौड़ाओ, नजर आती है गौरेया
पौड़ी जिले के रिखणीखाल प्रखंड स्थित राजकीय इंटर कॉलेज द्वारी (पैनो) में गणित के सहायक अध्यापक दिनेश बताते हैं कि उन्होंने साल 1997 में यह मुहिम शुरू की थी। सबसे पहले उन्होंने ग्राम नंदपुर स्थित अपने आवास में गौरैया के लिए तीन सुराख बनाए। इन सुराखों में गौरैया ने डेरा डाला तो मकान में सुराखों संख्या बढ़ती चली गई। फिर तो गौरैया का संरक्षण ही दिनेश ने जीवन का ध्येय बना लिया। दिनेश ने वर्तमान में अपने मकान में 27 सुराख बनाए हुए हैं।
इतना ही नहीं, वर्ष 2008 से वे प्लाइवुड से गौरैया के लिए डिब्बे (गौरैया हाउस) बनाकर घर व आसपास के क्षेत्रों में लगा रहे हैं। वर्तमान में उन्होंने 80 डिब्बे घर में और 50 डिब्बे घर के आसपास के क्षेत्रों में लगाए हुए हैं। इनमें गौरैया के सौ से अधिक जोड़े वास कर रहे हैं। साथ ही पूरे क्षेत्र में 6000 से अधिक गौरैया हाउस वितरित भी किए हैं।
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