Ankita Murder Case: पीएम रिपोर्ट को लेकर छह घंटे बदरीनाथ हाईवे जाम, अधिकारियों के साथ तीन दौर की वार्ता रही विफल
अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक करने को लेकर उन्होंने स्वजन के साथ बदरीनाथ हाईवे पर लगभग छह घंटे जाम लगाया। अधिकारियों के मध्य तीन दौर की वार्ता हुई लेकिन आक्रोशित भीड़ पीएम रिपोर्ट के बाद ही अंतिम संस्कार की मांग पर अड़ी रही।
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: अंकिता की हत्या के विरोध में देवभूमि में तीसरे दिन भी लोगों का गुस्सा जारी रहा। मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक करने को लेकर उन्होंने स्वजन के साथ बदरीनाथ हाईवे पर लगभग छह घंटे जाम लगाया। साथ ही मृतका के शव का अंतिम संस्कार नहीं होने दिया। सुबह से शाम तक चले घटनाक्रम में प्रदर्शनकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के मध्य तीन दौर की वार्ता हुई, लेकिन आक्रोशित भीड़ पीएम रिपोर्ट के बाद ही अंतिम संस्कार की मांग पर अड़ी रही।
पुलिस ने अपनी मौजूदगी में कराया अंकिता का अंतिम संस्कार
देर शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अपील पर स्वजन अंतिम संस्कार के लिए तैयार हो गए, हालांकि प्रदर्शनकारियों में शामिल कुछ लोग तब भी विरोध कर रहे थे। किसी तरह पुलिस ने अपनी मौजूदगी में अंकिता का अंतिम संस्कार कराया। इस जघन्य हत्याकांड को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में धरना-प्रदर्शन, जुलूस, कैंडल मार्च का क्रम जारी रहा। मृतका के पैतृक जनपद पौड़ी के साथ ही कुछ अन्य जिलों में बाजार सांकेतिक रूप से बंद रहे।अंकिता के स्वजन ने उसका अंतिम संस्कार पौड़ी जिले के आइटीआइ स्थित घाट पर करने की इच्छा जाहिर की थी।
कोटेश्वर तिराहे से कीर्तिनगर के लिए रूट डाइवर्ट
इस पर शनिवार को एम्स ऋषिकेश में पोस्टमार्टम के बाद अंकिता के शव को श्रीनगर मेडिकल कालेज की मोर्चरी में रखवा दिया गया था। रविवार को उसका अंतिम संस्कार होना था। इससे पहले ही सुबह बड़ी संख्या में लोग मेडिकल कालेज के सामने बदरीनाथ हाईवे पर एकत्र हो गए और जाम लगा दिया। इस दौरान, पुलिस ने बदरीनाथ हाईवे को जाम देखते हुए कोटेश्वर तिराहे से कीर्तिनगर के लिए रूट डाइवर्ट किया। आंदोनकारियों को पता चला तो उन्होंने कोटेश्वर तिराहे पर भी जाम लगा दिया।
आंदोलनकारियों ने कहा कि सभी के सामने होगी वार्ता
इस बीच, आक्रोशित जनता के तीव्र विरोध के कारण प्रशासन के अधिकारी मेडिकल कालेज की मोर्चरी से शव को अंतिम संस्कार के लिए नहीं ले जा पाए। लोनिवि विश्राम गृह में कई घंटे तक डीएम डा. विजय कुमार जोगदंडे और एसएसपी यशवंत सिंह चौहान ने अंकिता के पिता और उसके स्वजन के साथ वार्ता की। लगभग ढाई बजे डीएम विजय जोगदंडे और एसएसपी यशवंत चौहान जाम स्थल पर पहुंचे। डीएम ने आंदोलनकारियों से कहा कि वार्ता के लिए वह चार जनों की टीम बना लें, लेकिन आंदोलनकारियों ने कहा कि वार्ता सभी के सामने होगी। डीएम ने कहा कि घटना की जांच में कोई कमी नहीं है। सभी आरोपित न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने खुद भी अंकिता के पिता से की बात
पुलिस और प्रशासन की ओर से वार्ता में यह स्पष्ट किया जाता रहा कि तकनीकी कारणों से पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। बाद में मुख्यमंत्री ने खुद भी अंकिता के पिता से बात की, जिसके बाद मामला सुलझा और देर शाम अंकिता का अंतिम संस्कार किया जा सका।
एसआइटी जांच शुरू
डीआइजी पी. रेणुका देवी की अगुआई में गठित एसआइटी ने हत्याकांड की जांच शुरू कर दी है। रविवार को एसआइटी ने आरोपित के रिसार्ट के साथ ही आसपास के लोगों से इस संबंध में जानकारी जुटाई।
अंकिता की मां की तबीयत बिगड़ी
हाईवे पर जाम और प्रदर्शन के दौरान अंकिता की मां बेहोश हो गई। इस पर उन्हें उपचार देने के लिए मेडिकल कालेज से डाक्टर बुलाए गए। कुछ देर बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार आया।
बहुत हुआ, अंतिम संस्कार करा दो
पुत्री की हत्या से दुखी पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी दिनभर के घटनाक्रम से परेशान हो गए। उन्होंने कहा कि बेटी चली गई, लेकिन अब उन्हें न्याय मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने परिवार की हरसंभव मदद की बात कही है। उन्होंने आंदोनकारियों से भी अनुरोध किया कि बहुत हुआ, अब उनकी बेटी का अंतिम संस्कार करा दो।
पौड़ी और आसपास के बाजार बंद रहे
जघन्य हत्याकांड के विरोध में श्रीनगर, श्रीकोट के साथ ही ऋषिकेश और यमकेश्वर में बाजार बंद रहे। व्यापारियों और अन्य लोगों ने जुलूस प्रदर्शन करके अंकिता के स्वजन को न्याय दिलाने की मांग उठाई।
प्रमुख मांग
- अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए
- मृतका के स्वजन को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए
- मृतका के भाई को सरकारी नौकरी दी जाए
- फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर हत्यारोपितों को फांसी की सजा दी जाए