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कुमाऊं के लाल ने माइक्रोसाफ्ट में पकड़ी खामी तो कंपनी ने दिया लाखों का रिवार्ड

विकास बिष्‍ट ने गूगल को भेदने के बाद ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने वाली कंपनी माइक्रोसाफ्ट में डोमेन हाइजैकिंग बग खोज निकाला है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 07 Dec 2018 11:15 AM (IST)Updated: Fri, 07 Dec 2018 11:15 AM (IST)
कुमाऊं के लाल ने माइक्रोसाफ्ट में पकड़ी खामी तो कंपनी ने दिया लाखों का रिवार्ड

संदीप मेवाड़ी, हल्द्वानी : कुमाऊं के दूरस्थ गांव के विकास बिष्ट ने साइबर की दुनिया में एक और मुकाम हासिल किया है। गूगल को भेदने के बाद विकास ने ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने वाली कंपनी माइक्रोसाफ्ट में डोमेन हाइजेकिंग बग खोज निकाला है। इस उपलब्धि पर माइक्रोसाफ्ट की ओर से विकास को कुल 2.21 लाख रुपये का रिवार्ड दिया गया है।

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देहरादून की इंडियन साइबर डिफेंस एलाइंस कंपनी में काम करने वाले विकास बिष्ट मूल रूप से कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले के मिर्थी गांव निवासी हैं। विकास ने बताया कि उनकी कंपनी कई मल्टीनेशनल कंपनियों को साइबर सिक्टोरिटी प्रोवाइड करती है। इंडियन साइबर डिफेंस एलाइंस के सीईओ सत्यम रस्तोगी की ओर से विकास बिष्ट, अक्षता खन्ना, रंजीत खोलिया व अंशुल डांगी ने माइक्रोसाफ्ट के बग बाउंटी प्रोग्राम में भागीदारी की। इसमें विकास ने माइक्रोसाफ्ट में डोमेन हाइजैकिंग बग खोजा है। विकास ने बताया कि डोमेन हाइजेकिंग बग खोजने पर माइक्रोसाफ्ट ने उन्हें बग बाउंटी प्रोग्राम के तहत पहले 72 हजार रुपये और फिर 1.49 लाख रुपये का रिवार्ड दिया है।

सिंगापुर कैप्चर द फ्लैग में भी किया प्रतिभाग

विकास बिष्ट सिंगापुर कैप्चर द फ्लैग प्रोग्राम में भी भाग ले चुके हैं। ये प्रोग्राम 20 अक्टूबर से दो नवंबर 2018 तक सिंगापुर में हुआ था। इसमें आठ देशों के साइबर एक्सपर्ट ने प्रतिभाग किया था। इस प्रोग्राम में सिंगापुर विजेता रही थी।

गूगल में भी खोज चुके हैं कमी

पिछले साल गूगल में गलती ढूंढने वाले विश्व के कुल 980 आइटी एक्सपर्ट में 322वीं रैंक में विकास का नाम भी शामिल हुआ था। गूगल ने अपने बगहंटर प्रोग्राम के भीतर वलनरेबिलिटी रिवार्ड प्रोग्राम के तहत हाल ऑफ फेम में विकास की प्रोफाइल डालकर उन्हें प्रोत्साहित भी किया। इसके साथ ही 100 डालर प्रोत्साहन राशि देने की मेल भी विकास को मिली थी।

सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं विकास

पिथौरागढ़ जिले के मिर्थी निवासी विकास सामान्य परिवार से ताल्लुकरखते हैं। विकास के पिता चंदन सिंह बिष्ट धारचूला के जूनियर हाईस्कूल में शिक्षक हैं, जबकि माता गृहिणी हैं। विकास ने मेरठ से इंटीग्रेटेड ग्रेजुएशन इन साइबर सिक्योरिटी (आइजीसीएस) कोर्स किया है।

इस क्षेत्र में युवा बना सकते हैं कॅरियर

विकास बिष्ट, साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि कंप्यूटर में रुचि रखने वाले युवा साइबर सिक्योरिटी का ज्ञान लेकर आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकते हैं। पहाड़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, लेकिन उन्हें रोजगार के लिए पलायन करना पड़ता है। साइबर का प्रशिक्षण लेकर लोग घर पर रहकर ही आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकते हैं।

भारत में सिर्फ एक प्रतिशत हैं एक्‍सपर्ट

भारत में सिर्फ एक प्रतिशत ही साइबर एक्सपर्ट्स और प्रफेशनल्स हैं और इंटरनैशनल मार्केट में भी इनकी काफी डिमांड है। इसमें कोर्स करने वाले छात्रों को थ्योरी में साइबर लॉ, साइबर क्राइम पर फोकस किया जाएगा और प्रैक्टिकल में स्टूडेंट्स को हैकिंग और साइबर सिक्यॉरिटी के कई एंगल्स के बारे में बताया जाता है। जिससे वे बैंक, होटल, एमएनसी, गवर्नमेंट ऑफिस समेत किसी भी ऑर्गनाइजेशन के ऑनलाइन सिस्टम की हैकिंग या साइबर थ्रेट को पहचान सकें। नैशनल सिक्यॉरिटी से जुड़े एक्सपर्ट्स, आर्मी से ब्रिगेडियर, साइबर सिक्यॉरिटी से जुड़े कई चीफ टेक्नॉलजी ऑफिसर्स से भी सलाह ली गई है।

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