दो बैठकों के बाद भी तय नहीं हुए उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति
राज्य सरकार चार महीने में भी उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति का चयन नहीं कर सकी है। अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : राज्य सरकार चार महीने में भी उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति का चयन नहीं कर सकी है। अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन नए कुलपति की नियुक्ति कब तक होगी, यह स्पष्ट नहीं है। इसे लेकर विश्वविद्यालय के तमाम कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. नागेश्वर का राव का चयन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर हो गया था। इसके बाद जुलाई, 2018 से विश्वविद्यालय में कुलपति का पद रिक्त है। शासन ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डीके नौडिय़ाल को ही इस विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार दे रखा है, मगर कुमाऊं विश्वविद्यालय में व्यस्तता के चलते वह यहां अधिक समय नहीं दे पा रहे हैं। प्रो. राव के जाने के बाद नए कुलपति के लिए शासन स्तर पर दो बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक किसी स्पष्ट निर्णय पर नहंी पहुंचा जा सका है। जबकि, अक्टूबर में विज्ञप्ति जारी कर दी गई थी। सूत्रों के अनुसार देश भर से करीब 50 आवेदन पहुंचे थे। इनमें से कुलपति का चयन करने पर कई स्तर पर मंथन हो रहा है। कुछ नामों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
ये काम हो रहे हैं प्रभावित
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में अभी तक 27 पाठयक्रमों को मान्यता नहीं मिल सकी है। प्रशासनिक पदों के अलावा अधिकांश विभागों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं। नियुक्ति की प्रक्रिया नहीं शुरू हो पा रही है। अन्य प्रशासनिक निर्णय नहीं लिए जा रहे हैं।
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