Uttarakhand: आठ वर्ष बाद निकली विज्ञप्ति, दो वर्ष में भी नहीं हो सकी नियुक्ति
Uttarakhand News प्रदेश में वर्ष 2014 में होम्योपैथी डाक्टरों की नियुक्ति हुई थी। इसके बाद वर्ष जून 2022 को चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड की ओर से 24 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की गई। बोर्ड ने चार अगस्त 2023 को साक्षात्कार की तिथि भी निर्धारित कर दी थी लेकिन ठीक एक दिन पहले बिना कारण बताए इंटरव्यू की प्रक्रिया रोक दी गई।
गणेश जोशी, जागरण हल्द्वानी : Uttarakhand News: प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के तमाम दावे किए जाते हैं, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। होम्योपैथी डाक्टरों के 24 रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया आठ वर्ष बाद शुरू हुई थी। 2022 में विज्ञप्ति भी जारी हुई, मगर नियुक्ति के इंतजार में डिग्रीधारी डाक्टरों की आंखें पथरा गईं। दुर्भाग्य है कि अभी तक निदेशालय से लेकर शासन व चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड में किसी को कोई सुध लेने वाला नहीं है।
प्रदेश में वर्ष 2014 में होम्योपैथी डाक्टरों की नियुक्ति हुई थी। इसके बाद वर्ष जून, 2022 को चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड की ओर से 24 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की गई। इसमें चार पद बैकलाग के थे। डिग्री हासिल कर चुके होम्योपैथी डाक्टरों में उम्मीद जगी। आवेदन हुए। बोर्ड ने चार अगस्त 2023 को साक्षात्कार की तिथि भी निर्धारित कर दी थी, लेकिन ठीक एक दिन पहले बिना कारण बताए इंटरव्यू की प्रक्रिया रोक दी गई।
तब से होम्योपैथी मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड लगातार आवाज उठा रहा है। हर स्तर पर मांग की जा चुकी है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं, जबकि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में भी होम्योपैथी डाक्टर बड़ा सहारा बनते हैं। कोविड के समय भी इन डाक्टरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कुछ संविदा पर हैं तो कुछ नौकरी के इंतजार में हैं। एसोसिएशन के पूर्व सचिव डा. गोविंद रावत का कहना है कि सरकार को जल्द निर्णय लेना चाहिए।
उत्तराखंड में होम्योपैथी मेडिकल कालेज खोलने की तैयारी
विभागीय स्तर पर राज्य की राजधानी देहरादून में होम्योपैथी मेडिकल कालेज खोलने की कवायद भी चल रही है। होम्योपैथी विभाग ने इसका प्रस्ताव आयुष मंत्रालय को भेजा है। इसमें 60 सीटें निर्धारित की गई हैं। प्रदेश में निजी कालेज भी हैं और फिर सरकारी कालेज खुलने से होम्योपैथी डाक्टरों की संख्या बढ़ जाएगी, लेकिन सरकारी स्तर पर नियुक्ति में हो रही ढिलाई से आवेदक परेशान हैं।
2014 के बाद कोई नियुक्ति नहीं हुई है। 2022 में प्रदेश में 24 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। इंटरव्यू की तिथि भी निर्धारित होने के बावजूद नियुक्तियां नहीं हुई। इसके लिए अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों को कई ज्ञापन दिया जा चुका है। आंदोलन भी किया गया। राज्य के डिग्रीधारी होम्योपैथी डाक्टरों को नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में जाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
डा. हेमंत सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष, होम्योपैथी मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड
होम्योपैथी डाक्टरों की भर्ती अभी रुकी हुई है। इनकी नियुक्तियां होंगी। जहां डाक्टर नहीं हैं, वहां पर फार्मासिस्ट काम कर रहे हैं।
डा. जीवन सिंह फिरमाल, निदेशक, होम्योपैथी