शाॅपिंग शाइट्स और ओटीटी पर सुरक्षित नहीं है यूजर आईडी और पासवर्ड, हैकर्स लगा सकते हैं सेंध
उत्तराखंड के साइबर एक्सपर्ट विकास सिंह बिष्ट बताते हैं कि आॅनलाइन शॉपिंग साइट्स और ओटीटी प्लेटफार्म पुराने पैटर्न और तकनीक पर काम कर रहे हैं। जहां से हैकर्स आसानी से यूजर की आइडी और पासवर्ड को हैक कर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
नैनीताल, जागरण संवाददाता : ऑनलाइन साइट्स (online shopping sites ) पर शॉपिंग करना लोगों की आदत में शुमार हो चुका है। घर बैठे जरूरतों के सामान डिलीवरी हो जा रहे हैं। ऐसे ही कोविड के बाद मल्टीप्लेक्स का रुख करना भी लोगों ने कम कर दिया है। यही कारण है कि ओटीटी (OTT) का दायरा बढ़ा है। ज्यादातर फिल्में और वेब सीरीज ऑनलाइन ही रिलीज हो रही हैं। कुछ रुपयों के सब्सक्रिप्शन में आप एचडी क्वालिटी में फिल्म और वेब सीरीज का महीनों तक आनंद उठा सकते हैं। लेकिन इन साइटों पर आपकी आइडी और पासवर्ड सुरक्षित नहीं है। शापिंग साइटों और ओटीटी प्लेटफार्म के पुराने सिक्योरिटी पैटर्न पर काम करने के कारण हैकर्स यहां आसानी से आपकी यूजर आइडी और पासवर्ड चोरी कर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
उत्तराखंड के साइबर एक्सपर्ट विकास सिंह बिष्ट बताते हैं कि ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स और ओटीटी प्लेटफार्म पुराने पैटर्न और तकनीक पर काम कर रहे हैं। जहां से हैकर्स आसानी से यूजर की आइडी और पासवर्ड को हैक कर नुकसान पहुंचा सकते हैं। यहां लागिन का अनलिमिटेड एक्सेस होने और कोई चेक प्वाइंटस न होने के कारण यूजर आइडी और पासवर्ड को आसानी से हासिल किया जा सकता है। बहुत सारे लोग अपनी शापिंग साइटों के वालेट में खरीदारी के लिए अच्छी खासी रकम रखते हैं, खासकर जो रेगुलर कस्टमर होते हैं। ऐसे में हैकर्स उनकी वालेट से शॉपिंग, रिचार्ज, बस-ट्रेन के रिजर्वेशन और गेम क्वाइन्स खरीदने समेत अन्य मदों में कर सकते हैं। इसी तरह ओटीटी की एक्सेस भी आसानी से हासिल कर सकते हैं, इसके साथ ही यूजर आइडी और पासवर्ड का मिसयूज भी किया जा सकता है।
शॉपिंग साइटों ने यूजर को बताया जिम्मेदार
विकास ने जब सिक्योरिटी को लेकर एक नामी शापिंग साइट को अपनी शिकायत दर्ज कराई तो उनकी अथारिटी ने इसे यूजर पर डाल दिया। उनका कहना था कि यूजर को पासवर्ड सरल बनाने की बजाए स्ट्रांग बनानस चाहिए। स्ट्रांग पासवर्ड को आसानी सेे एक्सेस नहीं किया जा सकता है। इस पर विकास का कहना है कि शापिंग साइटें अपनी कमियों को छिपाने के लिए सबकुछ यूजर पर डाल दे रही हैं। जबिक उन्हें अपनी सिक्योरिटी को अपडेट करना चाहिए। लागिन अटेम्ट को मैक्सिमम तीन बार कर चेक प्वाइंट्स लगाना चाहिए। वरना हैकर्स आसानी से यूजर को टार्गेट करते रहेंगे।
कौन हैं आईटी एक्सपर्ट विकास सिंह बिष्ट
उत्तराखंड के नैनीताल जिले के निवासी विकास सिंह बिष्ट ने 2017 में गूगल सर्च इंजन में खामियां निकाल कर सबको हैरत में डाल दिया था। गूगल ने विकास को वलनरेबिलिटी रिवार्ड प्रोग्राम के तहत हॉल ऑफ फेम में विश्व के कुल 980 आइटी एक्सपर्ट में से 322वीं रैंक दिया था। इतना ही नहीं वर्ष 2018 में विकास के नाम एक और उपलब्धि जुड़ी। तब उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में खामी निकाल अपनी कागिलियत को सिद्ध किया था। इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने उन्हें बग बाउंटी प्रोग्राम के तहत 72 हजार रुपये और फिर 1.49 लाख रुपये का रिवार्ड दिया था। विकास बिष्ट मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के दुर्गम मिर्थी गांव से आते हैं। उनके पिता चंदन सिंह बिष्ट धारचूला के जूनियर हाईस्कूल में शिक्षक हैं, जबकि मां गृहिणी हैं। विकास की प्राथमिक शिक्षा भी पिथौरागढ़ जिले से ही हुई। इसके बाद विकास ने मेरठ से इंटीग्रेटेड ग्रेजुएशन इन साइबर सिक्योरिटी कोर्स किया।