हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट ने दलित प्रोफेसर की नियुक्ति काे ठहराया सही, फिर भी करते रहे उत्पीड़न
कुमाऊं विवि के डीएसबी परिसर भौतिक विज्ञान विभाग के आरक्षित श्रेणी के प्रोफेसर के उत्पीडऩ मामले में दो प्राध्यापक फंस गए हैं।
नैनीताल, किशोर जोशी : कुमाऊं विवि के डीएसबी परिसर भौतिक विज्ञान विभाग के आरक्षित श्रेणी के प्रोफेसर के उत्पीडऩ मामले में दो प्राध्यापक फंस गए हैं। एससी-एसटी आयोग के आदेश पर बनाई गई जांच कमेटी की जांच में उत्पीडऩ का आरोप सही पाया गया है। जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद कुलपति ने दोनों पक्षों में सुलह की कोशिश की मगर जब नहीं माने तो उन्होंने मामला एसएसपी नैनीताल को कार्रवाई के लिए भेज दिया। कार्रवाई न होने पर आयोग ने कुलसचिव को तलब कर लिया है।
एरीज में थे कार्यरत, 2010 में कुमाऊं विवि में बने एसोसिएट प्रोफेसर
दरअसल आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज में कार्यरत डॉ. रमेश चंद्रा 2010 में कुमाऊं विवि में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर चयनित हुए। 2016 में उनकी प्रोफेसर पद पर पदोन्नति हो गई। इधर विभाग के एक प्राध्यापक द्वारा डॉ. चंद्रा की नियुक्ति को अवैध ठहराते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इसी साल हाई कोर्ट ने नियुक्ति को सही ठहरा दिया तो यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। छह माह पहले वहां भी विपक्षियों को राहत नहीं मिली। इसके बाद विपक्षियों ने कुलाधिपति को शिकायती पत्र देकर नियुक्ति को अवैध बताते हुए कार्रवाई की मांग की। राजभवन की ओर से कराई गई जांच में भी डॉ. चंद्रा की नियुक्ति सही पाई गई।
हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट व राजभवन से क्लीन चिट के बाद भी करते रहे परेशान
हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट व राजभवन से नियुक्ति सही ठहराने के बाद भी विभाग के दो प्राध्यापकों ने डॉ. चंद्रा का उत्पीडऩ बंद नहीं किया तो उन्होंने मजबूर होकर विपक्षियों पर जातीय विद्वेष के तहत उत्पीडऩ करने समेत अन्य गंभीर आरोप लगाते हुए एससी-एसटी कमीशन में शिकायत दर्ज कराई। आयोग ने मामले में जांच के निर्देश विवि को दिए। विवि की ओर से बनाई गई जांच कमेटी ने डॉ. चंद्रा द्वारा लगाए गए आरोपों को सही पाया और रिपोर्ट आयोग को भेज दी।
कुलपति ने कार्रवाई के लिए एसएसपी को भेजा प्रकरण
कुलपति प्रो. केएस राणा के अनुसार उन्होंने जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मामला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल को भेज दिया है। इधर इस मामले में कार्रवाई नहीं होने पर आयोग ने कुलसचिव को तलब कर लिया। इस मामले में आयोग ने सुनवाई की। सूत्रों के अनुसार आयोग ने अब पत्र भेजने के बाद भी एसएसपी द्वारा कार्रवाई नहीं करने का संज्ञान लिया है। बताया जाता है कि इस मामले में जल्द ही मुकदमा दर्ज करने की तैयारी है।
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