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जून से शुरू होगा भारत-चीन सीमा से व्यापार, व्यापारियों को नहीं मिलेगी आयात कर में छूट

उत्तराखंड की सीमा से होने वाले भारत-चीन व्यापार की तैयारियों शुरू हो चुकी हैं। पिथौरागढ़ की धारचूला तहसील से होने वाले इस व्यापार को लेकर व्‍यापारियों में उत्‍साह है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 24 May 2019 07:51 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 07:51 PM (IST)
जून से शुरू होगा भारत-चीन सीमा से व्यापार, व्यापारियों को नहीं मिलेगी आयात कर में छूट
जून से शुरू होगा भारत-चीन सीमा से व्यापार, व्यापारियों को नहीं मिलेगी आयात कर में छूट

पिथौरागढ़, जेएनएन : उत्तराखंड की सीमा से होने वाले भारत-चीन व्यापार की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। पिथौरागढ़ की धारचूला तहसील से होने वाले इस अंतराष्ट्रीय व्यापार को लेकर व्यापारियों में खासा उत्साह रहता है। भारतीय व्यापारी पिछले एक पखवाड़े से अपना माल भारतीय मंडी गुंजी में जमा करने लगे हैं। जून माह में व्यापारी पैदल मार्ग से चीन के लिए रवाना होंगे। लेकिन व्यापारियों की एक मांग अर्से से पूरी नहीं हो रही। दरअसल भारत-चीन व्यापार में चीन से आयात होने वाली दस वस्तुओं को कर मुक्त किए जाने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं, जो इस वर्ष भी पूरी नहीं हो पाई है।

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भारतीय व्यापारी चीन से आयात किए जाने वाले कम्बल, रेडीमेट कपड़े, जूते, सूती और ऊनी वस्त्र, कारपेट, इलेक्ट्रानिक सामान, टिन की चादर, सरिया और सीमेंट को कर मुक्त किए जाने की मांग कर रहे हैं। भारत-चीन व्यापार समिति के सदस्य पदम सिंह कहना है कि आयात कर अधिक होने के कारण चीन से लाया जाने वाला माल उन्हें खासा महंगा पड़ता है। जिसके चलते व्यापार में उन्हें विशेष लाभ नहीं होता। जबकि माल लाने के लिए उन्हें कई दिनों की पैदल यात्रा के साथ ही साथ कई अन्य परेशानियां भी उठानी पड़ती हैं। अन्य व्यापारियों का कहना है कि सरकार आयात कर मेें छूट दे तो दोनों देशों के बीच होने वाला व्यापार मजबूत होगा।

भारत से निर्यात होने वाली वस्तुएं

1. कास्मेटिक सामग्री

2. दियासलाई

3. तम्बाकू उत्पाद

4. गुड़

5. मिश्री

6. काफी

7. रेडीमेट वस्त्र

भारतीय मंडी में नहीं आते चीनी व्यापारी, जाने कारण

भारत-चीन व्यापार के लिए भारतीय व्यापारी ही चीन जाते हैं। इस व्यापार के लिए भारत ने 10 हजार फिट की ऊंचाई पर स्थित गुंजी में मंडी बनाई हुई है, लेकिन भारतीय क्षेत्र में यातायात की सुविधा नहीं होने के कारण चीनी व्यापारी यहां नहीं आते हैं। चीनी क्षेत्र में भारतीय व्यापारियों को वाहनों की सुविधा मिलती है। भारतीय मंडी गुंजी में व्यापारियों की सुविधा के लिए कस्टम कार्यालय, भारतीय स्टेट बैंक की अस्थाई शाखा खोली जाती है जो 15 अक्टूबर को व्यापार समाप्त होने तक कार्य करती हैं।

चीन से ये सामान लाते हैं भारतीय व्यापारी

भारतीय व्यापरी चीन से ऊन, ऊनी कंबल, याक की पूंछ, जैकेट, जूते लेकर भारत आते हैं। पिछले वर्ष मार्ग खराब होने के कारण व्यापारी समय पर चीन की तकलाकोट मंडी नहीं पहुंच सके थे। अधिकांश व्यापारियों का सामान मार्ग पर ही फंसा रहा। 31 अक्तूबर को व्यापार समाप्त हो जाता है। व्यापार की अवधि समाप्त होते ही सभी व्यापारी तकलाकोट से भारत लौट आते हैं । पिछले साल कुल 6 करोड़ 33 लाख पचास हजार रुपये के सामान का आयात-निर्यात हुआ था।

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