Nainital आने वाले पर्यटक Mukteshwar जरूर एक्स्प्लोर करें, दिलों दिमाग में बस जाएगी यहां की खूबसूूरती
उत्तराखंड के खूबसूरत हिल स्टेशनों में शुमार मुक्तेश्वर (Mukteshwar) नैसर्गिक सौंदर्य और एडवेंचर का खूबसूरत पैकेज हैं। यहां से आप हिमालय की खूबसूरती को करीब से निहार सकते हैं तो कुछ ही दूरी पर स्थिति भालूगाड़ वाटर फाल (Bhalugad waterfall) को दो किमी ट्रैक कर पहुंच सकते हैं।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : Mukteshwar : उत्तराखंड (Uttarakhand) में खूबसूरत हिल स्टेशनों (Hill Station) की भरमार है। नैनीताल (Nainital) , मुनस्यारी (Munsiyari), मसूरी (Mussoorie) जैसे हिल स्टेशन पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में हैं। अगर आप नैनीताल आ रहे हैं तो मुक्तेश्वर (Mukteshwar) का ट्रिप भी जरूर प्लान कीजिए। नैनीताल से 50 और हल्द्वानी से करीब 70 किमी की दूरी पर स्थित मुक्तेश्वर अपने नैसर्गिक सौंदर्य और खूबसूरत रास्ते की यादें आपके दिलो-दिमाग पर छोड़ देगा।
मुक्तेश्वर में कुछ निजी संस्थाएं एडवेंचर की भी काफी एक्टीविटीज कराती हैं। यहां आप रॉक क्लाइम्बिंग और रैंपलिंग का भी मजा ले सकते हैं। चौली की जाली से दिखने वाला विहंगम दृश्य आपको मुग्ध कर देगा तो मुक्तेश्वर से पांच छह किमी की दूरी स्थित भालूगाड़ वाटरफाल आपका दिल जीत लेगा। अगर आप मुक्तेश्वर का प्लान कर रहे हैं तो चलिए जानते हैं यहां की कुछ खूबसूरत जगहों के बारे में।
मुक्तेश्वर महादेव मंदिर Mukteshwar Mahadev mandir
अगर आप मुक्तेश्वर आ रहे हैं मुक्तेश्वर महादेव मंदिर जरूर देखने जाएं। यहां आप प्रकृति के बीच ट्रैकिंग कर भी पहुंच सकते हैं। इसके साथ यहां पहुंचने के लिए करीब सौ सीढ़ियों का सहारा भी ले सकते हैं। माना जाता है कि इसे पांडवों ने अपने निर्वासन के दौरान यहां भगवान शिव की पूजा अर्चना की थी। मंदिर का निर्माण करीब 350 वर्ष पूर्व कराया गया था।
चौली की जाली chauli ki jali
मुक्तेश्वर महादेव मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित चौली की जाली की चट्टान की अनेक मान्यताएं हैं। यहां से नजर आने वाली घाटी और हिमालय का विहंगम दृश्य पर्यटकों का मन मोह लेता है। मान्यता है कि यदि शिवरात्रि के दिन संतान सुख की कामना के साथ कोई महिला इस पत्थर पर बने छेद को पार करती है तो उसे अवश्य संतान सुख मिलता है।
किंवदंतियों के मुताबिक जब सैम देवता अपने गणों के साथ हिमालय की ओर जा रहे थे तो भगवान शिव चौली की जाली चट्टान पर धूनी रमाये बैठे थे। सैम देवता ने भोलेनाथ से मार्ग देने का आग्रह किया, लेकिन जब उन्हें रास्ता नहीं मिला तो सैम देवता को क्रोध आ गया और उन्होंने अपने अस्त्र से चट्टान पर प्रहार कर दिया। जिससे एक बड़ा छेद हो गया। बाद में सैम देवता इसी छेद से अपने गंतव्य को रवाना हुए।
भालू गाड़ झरना Bhalu Gad Waterfall
मुक्तेश्वर आने वाले पर्यटक भालू गाड़ झरना के पास जरूर जाएं। कसियालेख से धारी जाने वाले रास्ते पर मुक्तेश्वर से करीब छह किमी दूरी पर गजार, बुरांशी ओर चौखुटा वन पंचायतों के अंतर्गत स्थित इस झरने तक पहुंचने के लिए करीब दो किमी पैदल भी चलना पड़ता है। बांज व बुरांश से घिरे घने और साथ में बहती नदी ट्रैक को और खूबसूरत बना देती है।
शीतला हिल स्टेशन
मुक्तेश्वर से कुछ दूरी पर एक एक खूबसूरत हिल स्टेशन है सीतला। जो प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक जगहों का मिश्रण है। यह क्षेत्र कई औपनिवेशिक शैली के बंगलों से सुसज्जित है, जिसके आसपास आपको हिमालय की शानदार चोटियां दिख जाएंगी। इस खूबसूरत पहाड़ी को निहारते हुए आप यहां ट्रैकिंग और बर्ड वाचिंग का भी मजा ले सकते हैं।
कैसे पहुंचे मुक्तेश्वर
How To Reach Mukteshwar : मुक्तेश्वर पहुंचने के लिए हवाई, रेल और बस तीनों तरह की सुविधाएं हैं। बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक नैनीतार के करीबी रेलवे स्टेशन काठगोदाम तक बाई ट्रेन और फिर बाई टैक्सी सीधे मुक्तेश्वर पहुंच सकेत हैं। जबकि फ्लाइट से आने वाले यात्री पंतनगर एयरपोर्ट और फिर वहां से सीधे टैक्सी लेकर मुक्तेश्वर पहुंच सकते हैं। ऐसे ही बस से आने वाले पर्यट हल्द्वानी तक बस से और फिर टैक्सी से मुक्तेश्वर पहुंच सकते हैं।
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