छात्रसंघ चुनाव : निर्दलीय की जीत ने सर्वेसर्वा समझने वालों को दिखाया आईना NAINITAL NEWS
राहुल धामी के समर्थक रहे पूर्व छात्रसंघ व छात्र महासंघ अध्यक्षों की ओर से कहा गया है कि राहुल की जीत उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है जो खुद को सर्वेसर्वा समझते हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : निर्दलीय राहुल धामी की जीत में बराबर के भागीदार रहे छात्रनेता सोशल मीडिया के माध्यम से खुशी का इजहार करते नजर आ रहे हैं। जहां उन्होंने धामी की जीत को छात्र राजनीति के एक नए युग की शुरुआत बताया है, वहीं, एनएसयूआइ प्रदेश प्रभारी और जिलाध्यक्ष का इस्तीफा भी मांग लिया है। इस बार के छात्रसंघ चुनाव में राहुल धामी के समर्थक रहे पूर्व छात्रसंघ व छात्र महासंघ अध्यक्षों की ओर से कहा गया है कि राहुल की जीत उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है जो खुद को सर्वेसर्वा समझते हैं। छात्र हितों के लिए संघर्ष करने वालों को ही छात्र-छात्राओं ने हमेशा अपना नेता चुना है। इस बार के चुनाव में यह बात और भी पुष्ट हो गई है।
प्रदेश अध्यक्ष का बयान हार के मुख्य कारणों में से एक : एनएसयूआइ
एनएसयूआइ ने मंगलवार को हल्द्वानी के एक रेस्टोरेंट में समीक्षा बैठक की। इस दौरान हार के कारणों पर मंथन किया गया। पदाधिकारियों ने कहा कि हार के जो प्रमुख कारण सामने आए, उनमें हल्द्वानी के बड़े नेताओं का निर्दलीय प्रत्याशी को अति धनबल से समर्थन करना, एनएसयूआइ प्रत्याशी के पास संसाधनों की कमी व समय पर वोटरों तक नहीं पहुंच पाना रहा। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी द्वारा टिकट को लेकर दिए गए बयान को भी हार की मुख्य वजह बताया गया। कहा कि उन्होंने एनएसयूआइ व यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपने बयान से भ्रमित कर दिया। एनएसयूआइ प्रत्याशी गोविंद दानू ने कहा कि वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनकी ऐसी स्थिति नहीं कि वह टिकट खरीद सकें। उन्होंने कहा कि वह संगठन के सच्चे सिपाही हैं और आगे भी रहेंगे। अंत में सभी ने एक स्वर में प्रण लिया कि वे इस हार से सबक लेकर अगले छात्रसंघ चुनाव में प्रबल दावेदारी पेश करेंगे। यहां जिलाध्यक्ष विशाल सिंह भोजक, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष लाल सिंह पवार, नगर अध्यक्ष गजेंद्र सम्मल, भुवन पांडेय, संजय जोशी, उमेश बिनवाल, शैलेंद्र सिंह दानू आदि मौजूद रहे।
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