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विभिन्‍न मांगों के विरोध में काले फीते बांधकर दफ्तर पहुंचे राज्य कर्मचारी

दस सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलित राज्य कर्मचारियों का चरणबद्ध आंदोलन शुरू हो गया है। इसी क्रम में विभिन्न विभागों के कर्मचारी मंगलवार को बाहों में काला फीता बांधकर दफ्तर पहुंचे।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 12:42 PM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 12:42 PM (IST)
विभिन्‍न मांगों के विरोध में काले फीते बांधकर दफ्तर पहुंचे राज्य कर्मचारी
विभिन्‍न मांगों के विरोध में काले फीते बांधकर दफ्तर पहुंचे राज्य कर्मचारी

हल्द्वानी, जेएनएन : दस सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलित राज्य कर्मचारियों का चरणबद्ध आंदोलन शुरू हो गया है। पहले चरण में दो दिन कर्मचारी बाहों में काला फीता बांधकर विरोध जताएंगे। इसी क्रम में विभिन्न विभागों के कर्मचारी मंगलवार को बाहों में काला फीता बांधकर दफ्तर पहुंचे। हालांकि इस दौरान कामकाज चलता रहा। पिछले दिनों कर्मचारियों ने प्रदेशव्यापी हड़ताल की थी। सीएम से हुई वार्ता के बाद कर्मचारियों ने आंदोलन टाल दिया था। सरकार की ओर से किसी तरह की पहल न होते देख उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति ने चरणबद्ध आंदोलन का एलान किया है। मंगलवार का ब्लॉक, राज्य कर, शिक्षा विभाग आदि कर्मचारी विरोध के चलते काले फीते बांधकर कार्यालय पहुंचे।

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ये है आंदोलन की रूपरेखा

-12 व 13 फरवरी : दो दिन कर्मचारी बाहों में काली पïट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध जताएंगे।

-15 फरवरी : सभी जनपद एवं शाखाओं में शाम साढ़े छह बजे कर्मचारी कैंडल मार्च निकालेंगे।

-24 फरवरी : सभी जनपद एवं शाखाओं में कर्मचारी डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजेंगे।

- 24 फरवरी : इसी दिन कोई ठोस आश्वासन न मिलने पर समिति प्रदेशव्यापी महारैली की तिथि की घोषणा करेगी।

ये हैं कर्मचारियों की मांगे

-10, 16, 26 वर्ष की सेवा पर एसीपी का लाभ पदोन्नत वेतनमान के साथ। शिक्षकों के लिए भी यही व्यवस्था।

-शिथिलीकरण नियमावली 2010 पूर्व की भांति लागू हो।

-आवास भत्ता 8, 12, 16 प्रतिशत करते हुए अन्य भत्तों में वृद्धि हो।

-पुरानी पेंशन योजना की बहाली।

-प्रदेश में राज्यकर्मियों की सुविधा निगम, निकाय, संस्थान, प्राधिकरण पर भी लागू हो।

-आयुष्मान योजना में कार्मिकों को सरकारी अस्पताल से रेफर करने की अनिवार्यता की बाध्यता समाप्त हो।

-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का ग्रेड-पे 4200 दिया जाए।

-राजकीय वाहन चालकों को 2400 के बजाय 2800, 4200 व 4600 ग्रेड वेतन दिया जाए।

-एक जनवरी 2006 या इसके बाद भर्ती या पदोन्नति पर शुरुआती वेतन का निर्धारण वित्त विभाग के ताजा शासनादेश के आधार पर हो।

-आउटसोर्स कर्मियों को समान कार्य के अनुरूप समान वेतन दिया जाए।

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