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Soldier Bhuvan Bhatt death: 22 दिन पहले मनाया था बर्थडे, 2 माह बाद थी शादी की पहली सालगिरह, मगर खत्म हो गईं परिवार की खुशियां

Soldier Bhuvan Bhatt death भुवन भट्ट ऊधम सिंह नगर के शांतिपुरी के जवाहर नगर निवासी थे। यह गांव स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा रखता है। इसी गांव में उनका पूरा परिवार रहता था जिनमें उनके माता-पिता पत्नी और बहन थे।

By Rajesh VermaEdited By: Published: Thu, 22 Sep 2022 06:30 PM (IST)Updated: Thu, 22 Sep 2022 06:30 PM (IST)
Soldier Bhuvan Bhatt death: 22 दिन पहले मनाया था बर्थडे, 2 माह बाद थी शादी की पहली सालगिरह, मगर खत्म हो गईं परिवार की खुशियां
Soldier Bhuvan Bhatt death: गुुरुवार सुबह भुवन का पार्थिव शरीर घर पहुंचने पर कोहराम मच गया।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। Soldier Bhuvan Bhatt death: पंजाब के पटियाला शहर में डीप आर्डिनेंस यूनिट में तैयात रहे जवान भुवन भट्ट के निधन पर आज हर कोई गमजदा है। तीन दिन पहले वह दोस्तों के साथ भाखड़ा के इंदिरा नहर में नहाने गए थे, जिसमें वह बह गए थे। तीन दिन तक तलाश करने के बाद घटनास्थल से 85 किलोमीटर दूर खनौरी शहर के पास नहर से उनका पार्थिव शरीर बरामद किया गया।

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भुवन भट्ट ऊधम सिंह नगर के शांतिपुरी के जवाहर नगर निवासी थे। यह गांव स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा रखता है। इसी गांव में उनका पूरा परिवार रहता था, जिनमें उनके माता-पिता, पत्नी और बहन थे। गुुरुवार सुबह भुवन का पार्थिव शरीर घर पहुंचने पर कोहराम मच गया। पूरे गांव के लोगों का मजमा जुट गया। सभी नम आंखों से भुवन को विदाई दे रहे थे।

बेहद गमगीन माहौल के बीच कोई भी शख्स आंखों से आंसू बहाने से नहीं रोक पा रहा था। हर किसी की जुबान पर यही था कि बेटा भुवन तुम तो हम सब को हंसाता खिलाता था, क्यों ऐसे धोखा देकर चला गया। भुवन के गम में बदहवास पत्नी पूजा, मां ईश्वरी देवी, बहन कुसुम और पिता हरीश दत्त भट्ट बार-बार भुवन के ताबूत से लिपटकर रोते-बिलखते एक ही बात कहती कि तुम हमें अकेला क्यों छोड़ कर चले गए।

घर पर करीब डेढ़ घंटे के विश्राम के बाद भुवन की अंतिम यात्रा शुरू हुई तो पूरा गांव भारत माता जय, भुवन जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक तेरा नाम रहेगा, वंदे मातरम आदि देशभक्ति नारों से गूंज उठा।

पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे हल्द्वानी के रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर पहुंचने के बाद सैन्य सम्मान के साथ सशस्त्र सैनिक टुकड़ी ने उन्हें तीन राउंड फायरिंग कर सलामी दी। भुवन की चिता को उनके चचेरे भाई भुवनेश भट्ट व किशोर भट्ट ने मुखाग्नि दी।

दो माह बाद भुवन की शादी की पहली सालगिरह थी, जिसके लिये उसने पत्नी से वादा किया था कि वह छुट्टी लेकर आएगा और सालगिरह साथ में मनाएगा। लेकिन दुर्भाग्य यह रहा की पूजा और भुवन की यह जोड़ी अपनी पहली सालगिरह भी नहीं मना पाए।

भुवन चंद्र भट्ट की मौत के बाद पूजा का संसार उजड़ गया है। भुवन का विवाह 10 माह पूर्व 29 नवंबर 2021 में हल्द्वानी झलुवाझाला पूजा से हुआ था।

भुवन का परिवार मूल रूप से चंपावत के देवीधुरा निवासी थी। भुवन देवीधुरा के मूलना जाख, तहसील पाटी में ही एक सितंबर 1990 जन्मे थे। उनके पिता हरीश दत्त भट्ट भी फौज में थे। सन् 1994 में वह परिवार के साथ उधम सिंह नगर के शान्तिपुरी के जवाहर नगर गांव में शिफ्ट हो गए थे।

भुवन की प्रारंभिक शिक्षा इंटरमीडिएट तक पंतनगर कैंपस स्कूल से पूरी हुई। भुवन के पिता स्वयं सेना से रिटायर होकर पंतनगर एयरपोर्ट में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने लगे। भुवन तब अरिहंत प्राइवेट इंस्टिट्यूट हल्दूचौड़ से बीसीए कर रहे थे। तभी वह 2014 में सेना में भर्ती हो गए।

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