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साबुन व जूट बैग बनाने वाली कंपनियां तैयार कर रही हैं सैनिटाइजर व पीपीई किट, 140 उद्योग शुरू

लॉकडाउन की वजह से ठहर चुकी आर्थिकी को गति देने के लिए उद्योगों को शुरू किया जा रहा है। प्रशासन से सशर्त अनुमति मिलने के बाद नैनीताल जिले में 140 उद्यम सुचारू तो हो गए।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 08:39 AM (IST)Updated: Fri, 01 May 2020 08:39 AM (IST)
साबुन व जूट बैग बनाने वाली कंपनियां तैयार कर रही हैं सैनिटाइजर व पीपीई किट, 140 उद्योग शुरू

गणेश पांडे, हल्द्वानी : लॉकडाउन की वजह से ठहर चुकी आर्थिकी को गति देने के लिए उद्योगों को शुरू किया जा रहा है। प्रशासन से सशर्त अनुमति मिलने के बाद नैनीताल जिले में 140 उद्यम सुचारू तो हो गए, लेकिन अधिकांश इकाइयों की कार्य पद्धति बदल चुकी है। साबुन, डस्टिंग पाउडर बनाने वाली कंपनी सैनिटाइजर तैयार करने में जुटी है। जूट के बैग सिलने वाले हाथ मास्क और पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूमेंट) किट तैयार कर रहे हैं। 

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कार्य स्थल का माहौल भी पूरी तरह बदल गया है। उद्योगों में 40 से 50 फीसद स्टाफ ही काम पर आ रहा है। कर्मचारियों को झुंड के रूप में एक स्थान पर खड़े होने की इजाजत नहीं है। काम के दौरान कर्मचारी मास्क और दस्ताने पहने होते हैं। कच्चे माल के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर आटो कंपनियों ने सीमित काम शुरू कर दिया, लेकिन सामान की डिलीवरी शुरू नहीं हो पाई है। हालांकि उद्योगों को गति लॉकडाउन खुलने के बाद ही मिलेगी। 

जूट बैग सिलती थीं अब पीपीई किट

बरेली रोड स्थित निर्मला सोशल रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसायटी नाबार्ड, जिला उद्योग केंद्र, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग विभाग के माध्यम से स्वरोजगार से संबंधी प्रशिक्षण देती थी। अब मास्क व पीपीई किट तैयार कर रही हैं। संस्था से जुड़े संजीव भटनागर बताते हैं हल्द्वानी की एक कंपनी ने पीपीई किट की सिलाई का काम दिया है। केवल तीन कर्मचारी काम पर लगे हैं। 

लोकल स्तर पर तैयार हो रहे स्टीकर

बैलपोखरा स्थित फार्मा कंपनी बायोविल फार्मूलेशन को मुंबई से कच्चे माल नहीं मिल रहा। कंपनी ने सैनिटाइजर के लिए अनुमति ली। रोजाना 15 हजार बोतल तैयार हो रही। फैक्ट्री संचालक सुरेंद्र सिंह बसेड़ा ने बताया कि स्थानीय प्रिंटिंग पे्रस से स्टीकर तैयार करा रहे हैं। स्टाफ आधा कर दिया। कर्मियों के लिए फैक्ट्री के भीतर रहने की व्यवस्था की गई है।

डिमांड नहीं होने से 30 फीसद उत्पादन

रामपुर रोड स्थित भरत माइंस एंड मिनरल्स फैक्ट्री शुरू तो हो गई, लेकिन उत्पादन 30 फीसद हो रहा है। कर्मचारियों की संख्या 25 से घटाकर 15 की गई है। फैक्ट्री संचालक मनोज डागा बताते हैं कि लॉकडाउन की वजह से खडिय़ा पाउडर की डिमांड नहीं आ रही। इस कारण कम उत्पादन हो रहा। मजदूरों का फैक्ट्री के भीतर ही राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।

पाट्र्स बनने शुरू, सप्लाई का इंतजार

हल्दूचौड़ स्थित आटो कंपनी श्री साईं इंजीनियर्स एंड ट्रेडर्स में बजाज मोटरसाइकिल के साइलेंसर के भीतर का पाट्र्स तैयार होते हैं। फैक्ट्री संचालक कमल पांडे ने बताया कि केवल ऑपरेटर को बुलाकर उत्पादन शुरू हो गया है। 30 फीसद पाट्र्स औरंगाबाद, पुणे से आते हैं। गाडिय़ां तैयार नहीं हो रही। काम कब रोकना पड़े कह नहीं सकते। विपिन कुमार, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र ने बताया कि लोग पास के ल‍िए ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

जिले में उद्योग हुए सुचरु

फ्रूट प्रोसेसिंग             39

पैकेजिंग                    38

सोप स्टोन                 26

पीपीई व सैनिटाइजर   09

फार्मा व हर्बल            10

आटो पाट्र्स               04 

डाटा प्रोसेसिंग           04 

अन्य इकाई              10

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