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uttarakhand scholership scam : महाराष्ट्र, राजस्थान, हिमाचल के छह कॉलेजों पर दर्ज होगा केस

दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी को यूपी राजस्थान महाराष्ट्र और हिमाचल के छह और कॉलेजों के खिलाफ साक्ष्य मिले हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 09:48 AM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 09:48 AM (IST)
uttarakhand scholership scam : महाराष्ट्र, राजस्थान, हिमाचल के छह कॉलेजों पर दर्ज होगा केस
uttarakhand scholership scam : महाराष्ट्र, राजस्थान, हिमाचल के छह कॉलेजों पर दर्ज होगा केस

रुद्रपुर, जेएनएन : दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी को यूपी, राजस्थान, महाराष्ट्र और हिमाचल के छह और कॉलेजों के खिलाफ साक्ष्य मिले हैं। इसके आधार पर एसआइटी उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है। एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक कॉलेज प्रबंधन ने बिचौलियों और जिला समाज कल्याण विभाग से मिलीभगत कर लाखों रुपये की छात्रवृत्ति हड़पी है।

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दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी पहले चरण में बाहरी राज्यों के शैक्षिक संस्थानों में अध्ययनरत 3024 छात्रों का भौतिक सत्यापन कर रही है। इसके तहत बीते दिनों एसआइटी ने यूपी, राजस्थान, हिमाचल, महाराष्ट्र, यवतमान के महाविद्यालयों में अध्ययनरत करीब 100 से अधिक छात्र-छात्राओं का भौतिक सत्यापन कर पूछताछ की। इस दौरान पता चला कि उन्होंने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करना तो दूर कॉलेजों में प्रवेश ही नहीं लिया था। इसे देखते हुए एसआइटी ने सभी छह कॉलेजों के खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर पीएचक्यू भेज दी थी। इधर, पीएचक्यू ने सभी कॉलेजों पर केस दर्ज करने के निर्देश दे दिए हैं। एसएसपी बरिंदरजीत सिंह ने बताया कि महाराष्ट्र, यूपी, राजस्थान और हिमाचल के छह कालेजों पर केस दर्ज किया जा रहा है।

कॉलेजों को पता नहीं, छात्रवृत्ति ले ली

दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में अब तक जिला समाज कल्याण विभाग, बिचौलिए, शैक्षिक संस्थानों की मिलीभगत सामने आई है। लेकिन एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक करीब 2900 से अधिक लाभार्थियों से पूछताछ के दौरान एसआइटी ने 250 से अधिक बाहरी राज्यों के कालेजों की भी जांच की। इस दौरान कुछ ऐसे कॉलेज भी सामने आए, जहां छात्रों का प्रवेश दिखाकर छात्रवृत्ति हड़पी गई। जब एसआइटी ने कॉलेज प्रबंधन से पूछताछ की तो पता चला कि उन्हें इसका पता ही नहीं। एसएसपी बरिंदरजीत सिंह ने बताया कि कुछ मामलों में कॉलेजों की भूमिका नहीं है। बिचौलिए और जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने मिलीभगत कर बिना कॉलेज के ही छात्रवृत्ति हड़पी है।

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