सीटीआर में शिकारी : कड़के लगाकर फरार हुआ था शिकारी प्रिया का बेटा सतवीर NAINITAL NEWS
घुसपैठ की आशंका में जिन शिकारियों के नाम बताए गए हैं उनमें से एक कुख्यात वन्यजीव तस्कर प्रिया का बेटा सतवीर भी है। सतवीर पूर्व में भी बाघ मारने का प्रयास कर चुका है।
रामनगर (नैनीताल) जेएनएन : भले ही सीटीआर में शिकारियों के घुसपैठ की आशंका पर फिलहाल अलर्ट जारी हो गया हो, लेकिन शिकारी रामनगर वन प्रभाग में पहले भी घुसपैठ कर बाघ मारने का प्रयास कर चुके हैं। वन विभाग के आला अधिकारियों की और से घुसपैठ की आशंका में जिन शिकारियों के नाम बताए गए हैं, उनमें से एक कुख्यात वन्यजीव तस्कर प्रिया का बेटा सतवीर भी है। सतवीर पूर्व में भी रामनगर वन प्रभाग में बाघ मारने का प्रयास कर चुका है।
रामनगर वन प्रभाग का इलाका घुसपैठ व शिकार के मामले में संवेदनशील रहा है। 2009 में कॉर्बेट के झिरना में अपने एक साथी के साथ पकड़े गए शिकारी हरियाणा निवासी प्रिया के पुत्र सतवीर ने पूछताछ में रामनगर वन प्रभाग में भी घुसपैठ की जानकारी देकर हड़कंप मचा दिया था। उसने बताया हल्द्वानी-रामनगर मार्ग बेलगढ़ के बेला वीट कक्ष नंबर दो में बाघ मारने के लिए घुसे थे, लेकिन वह बाघ नहीं मार पाए थे। उनकी निशानदेही पर वनाधिकारियों ने दो साल पहले उनके द्वारा छिपाए गए बाघ मारने के दो कड़के बरामद किए थे।
वन विभाग की टीम जब सतवीर को लेकर गई तो वह बिल्कुल उसी स्थान पर ले गया, जहां जंगल में उसने कड़के छिपाकर रखे थे। दो साल बाद भी उस जगह की पूरी स्थिति से अवगत रहने से वनाधिकारी भी दंग रह गए थे। इसके बाद सीटीआर प्रशासन ने उसे जेल भेज दिया था। इतना ही नहीं वर्ष 2013 में पकड़े गए शिकारी धर्मवीर ने भी वन विभाग को पूछताछ में फतेहपुर रेंज में वर्ष 2008 में बाघ मारने की बात कबूली थी। हालांकि वह मौके से बाघ की खाल लेकर भागने में सफ ल रहा था। अब भीमा के साथ प्रिया का नाम भी घुसपैठ के प्रयास में सामने आ रहा है। प्रिया कॉर्बेट के बिजरानी में भी बाघ मारकर फरार हो चुका है। रामनगर वन प्रभाग के डीएफ ओ वीपी सिंह ने बताया कि जो नाम उन्हें मिले थे। वह उन्होंने चस्पा करा दिए है। जिससे कि उनके दिखने पर लोग सूचना दे सके।
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