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panchayat election उत्‍तराखंड के इस जिले में ब्लॉक प्रमुख आरक्षण का मामला उलझा, जानें क्‍या है मामला

पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लाक प्रमुख की सीट पर आरक्षण का मामला फिर उलझ गया है। हाईकोर्ट ने पंचायती राज को मामले के निस्‍तारण के आदेश दिए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 07:59 AM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 07:59 AM (IST)
panchayat election उत्‍तराखंड के इस जिले में ब्लॉक प्रमुख आरक्षण का मामला उलझा, जानें क्‍या है मामला

नैनीताल, जेएनएन :  पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लाक प्रमुख की सीट पर आरक्षण का मामला फिर उलझ गया है। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद निदेशक पंचायती राज को आदेश दिया है कि वो याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन का त्वरित निस्तारण करें। कोर्ट ने आदेश में कहा कि नियमानुसार पूरे मामले पर कार्रवाई करें। 

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यमकेश्वर ब्लाक प्रमुख सीट के लिये 31 अगस्त को अंतिम आरक्षण तय कर पंचायती राज विभाग ने इसे सामान्य सीट घोषित किया था। हाईकोर्ट में याचिका दाखिल होने के बाद कोर्ट आदेश का हवाला देते हुए 12 सितम्बर को निदेशक पंचायती राज ने सीट में आरक्षण का बदलाव कर महिला सीट तय कर दी। इस आदेश को तोला गांव के पूर्व प्रधान ने याचिका दायर कर चुनौती दी। कहा कि पूर्ण कार्रवाई के बाद पहला आरक्षण तय किया गया था, मगर बिना सुनवाई के इस सीट के आरक्षण में बदलाव कर दिया गया है। इसमें रोटेशन का भी उल्लंघन किया गया है।

याचिका में कहा गया कि 2014 में भी इस सीट का आरक्षण महिला सामान्य था अब 2019 में भी आरक्षण महिला नहीं हो सकता है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद निदेशक पंचायती राज को आदेश दिया है कि इस मामले का निस्तारण करें। उधर हाईकोर्ट ने निदेशक पंचायती राज को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ ने निदेशक से पूछा है कि आखिर क्यों अधिसूचना के बाद आरक्षण में बदलाव किया गया है। कोर्ट ने निदेशक को शपथ पत्र के साथ जवाब दाखिल करने को कहा है। 

दरअसल राज्य में 31 अगस्त 2019 को अन्तिम आरक्षण जारी कर दिया था। जिसके बाद हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए निदेशक पंचायती राज ने कई सीटों के आरक्षण में बदलाव कर दिया। सीटों पर 13 सितंबर को आरक्षण में किये बदलाव को राजेन्द्र सिंह, अमर सिंह चौहान समेत अन्य ने अलग-अलग याचिका दायर कर चुनौती दी और कहा कि बिना उनको सुने निदेशक पंचायती राज ने आरक्षण में बदलाव कर दिया है, जो कि गलत है। करीब आधा दर्जन से ज्यादा याचिकाओं को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने पूरे मामले में निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। 

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