असिस्टेंट प्रोफेसर के बाद अब रेडियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर का भी इस्तीफा nainital news
एसटीएच में रेडियोलॉजी विभाग में एकमात्र असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रगति वर्मा के इस्तीफा देने के बाद शनिवार को प्रोफेसर डॉ. पंकज महेश ने भी इस्तीफा सौंप दिया है।
हल्द्वानी, जेएनएन : राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी एक बार फिर संकट में आ गया है। रेडियोलॉजी विभाग में एकमात्र असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रगति वर्मा के इस्तीफा देने के बाद शनिवार को प्रोफेसर डॉ. पंकज महेश ने भी इस्तीफा सौंप दिया है। इसके चलते रेडियोलॉजी विभाग में ताला लटकने की नौबत आ गई है। इससे जहां एमबीबीएस व पीजी कर रहे मेडिकल स्टूडेंटस के भविष्य पर संकट मंडराने लगा है तो वहीं प्रतिदिन जांच को पहुंचने वाले सैकड़ों मरीज भी प्रभावित होंगे। हालांकि प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा का कहना है कि अभी प्रोफेसर का इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है।
दो डॉक्टर कर रहे हैं पीजी
रेडियोलॉजी विभाग में दो डॉक्टर पीजी की डिग्री हासिल कर रहे हैं। इस विभाग में डॉक्टरों की कमी के चलते वर्ष 2018 में पीजी की नई सीटों के लिए एमसीआइ नई दिल्ली ने अनुमति नहीं दी। इस समय दो डॉक्टर रेडियोलॉजी में पीजी कर रहे हैं। अगर इस विभाग में एक भी संकाय सदस्य नहीं रहेगा तो इनकी पीजी डिग्री की मान्यता पर भी संकट खड़ा हो जाएगा।
कैसे होगी मरीजों की जांच
रेडियोलॉजी विभाग अब तकनीशियन व जूनियर रेजिडेंट पर निर्भर रह जाएगा। अल्ट्रासाउंड के लिए पहले ही तीन महीने की डेट मिल रही थी। अब डॉक्टर ही नहीं होने पर संकट और बढ़ जाएगा। प्रो. चंद्र प्रकाश भैंसोड़ा, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज ने बताया कि प्रोफेसर ने इस्तीफा दे दिया है। असिस्टेंट प्रोफेसर का इस्तीफा पहले ही हो चुका है। इससे विभाग में कोई डॉक्टर नहीं है, लेकिन अभी प्रोफेसर का इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है। नए डॉक्टरों के लिए व्यवस्था की जा रही है।
प्रतिदिन आने वाले मरीजों की स्थिति
30 मरीजों की होती है एमआरआइ
40 से अधिक मरीज कराते हैं एक्सरे
35 से अधिक मरीजों का होता है अल्ट्रासाउंड
प्रोफेसर का है अपना डायग्नोस्टिक सेंटर
राजकीय मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग में कार्यरत प्रोफेसर डॉ. पंकज महेश का अपना डायग्नोस्टिक सेंटर भी हैं। वह दो साल से अधिक समय से मेडिकल कॉलेज में कार्यरत हैं। कुछ दिन पहले उनके सेंटर पर नगर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने औचक निरीक्षण कर बायोमेडिकल वेस्ट के मामले में जुर्माना भी लगाया था। डॉ. पंकज महेश ने इस्तीफे में कारण व्यक्तिगत बताया है।
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