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जिला, राज्य और केंद्रीय योजनाओं के तहत मिला पिथौरागढ नहीं हो पा रहा खर्च nainital news

वित्तीय वर्ष में तीसरी बार चुनाव आचार संहिता का सामना कर रहे सीमांत जिले में विकास की गति गड़बड़ा गई है। जिला राज्य और केंद्रीय योजनाओं के तहत मिला पैसा खर्च नहीं हो पा रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 10:11 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 10:11 AM (IST)
जिला, राज्य और केंद्रीय योजनाओं के तहत मिला पिथौरागढ नहीं हो पा रहा खर्च nainital news
जिला, राज्य और केंद्रीय योजनाओं के तहत मिला पिथौरागढ नहीं हो पा रहा खर्च nainital news

पिथौरागढ़, जेएनएन : वित्तीय वर्ष में तीसरी बार चुनाव आचार संहिता का सामना कर रहे सीमांत जिले पिथौरागढ़ में विकास की गति गड़बड़ा गई है। जिला, राज्य और केंद्रीय योजनाओं के तहत मिला पैसा खर्च नहीं हो पा रहा है। भारी भरकम धनराशि खर्चने के लिए अब चार माह का समय बचा हुआ है।

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जिला योजना के तहत जनपद 43.43 करोड़ की धनराशि मिली है। इस धनराशि में से अब तक मात्र 18.47 करोड़ रू पए ही खर्च हो पाए हैं। जिला योजना में 24.96 करोड़ की धनराशि बची हुई है। इस धनराशि को खर्च करने के लिए विभागों के पास मार्च माह तक चार माह का समय होगा। राज्य योजना के तहत जिले को 158.29 करोड़ की धनराशि स्वीकृत है, इसमें भी अब तक 100.25 करोड़ की धनराशि ही खर्च की जा सकी है। केंद्र सरकार की योजनाओं से जिले को 113.60 करोड़ रुपये मिले हैं, इस योजना में भी स्थिति संतोषजनक नहीं है। केंद्रीय योजना में 77.27 करोड़ की धनराशि खर्च हो पाई है। बाह््य सहायतित योजना में जिले की स्थिति बेहतर है। इस योजना में जिले को 174.60 करोड़ की धनराशि आवंटित हुई है, जिसमें 163.20 करोड़ की धनराशि खर्च कर ली गई है।

सीमांत जिले में वर्तमान में विधानसभा उपचुनाव की आचार संहिता लगी हुई है, जो 28 नवंबर के बाद खत्म होगी यानी दिसंबर से ही सरकारी विभाग विकास कार्यो को गति दे पायेंगे। मार्च माह के बाद नगर निकाय और इसके बाद पंचायत चुनाव की आचार संहिता के चलते विकास कार्यो की गति धीमी पड़ गई थी। सरकारी विभागों को दिसंबर से विकास कार्यो की गति तेज करनी होगी। वहीं गणेश कुमार, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी, पिथौरागढ़ ने बताया कि विकास योजनाओं की धनराशि को तेजी से खर्च करने के लिए विभागों को निर्देश जिलाधिकारी के स्तर से दिए जा चुके हैं। मार्च माह तक योजनाओं के तहत मिली धनराशि खर्च कर ली जाएगी।

लोनिवि और वन विभाग फिसड्डी

योजनाओं के तहत मिली धनराशि को खर्च करने में लोनिवि और वन विभाग से बड़े महकमे पीछे हैं। दोनों विभागों के पास जिला, राज्य और केंद्रीय योजनाओं का काफी पैसा बचा हुआ है। समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी इन विभागों को कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दे चुके हैं, फिलहाल आचार संहिता के चलते इन विभागों के हाथ बंधे हुए हैं।

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