नैनी झील में शहरवासियों ने नौकायन कर चुनावी मसलों पर खुल कर रखी अपनी बात
नैनीताल में जागरण की चुनावी नाव पर शहर के विभिन्न वर्गों के लोगों चर्चा चली तो मत निकला कि लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर आधारित होना चाहिए।
नैनीताल, जेएनएन : सुबह के दस बजे हैं। शहर के मल्लीताल बोट टिकट काउंटर के आसपास ज्यादा चहल पहल नहीं दिख रही। झील किनारे कतारबद्ध नाव पर्यटकों का इंतजार कर रही हैं। वहीं नाव चालक आसपास पंत पार्क व बैंड स्टैंड की ओर नजरें गड़ाए हैं कि कब पर्यटक आएं और वे चप्पू चलाएं। ताकि उनकी जीवन की गाड़ी चलती रहे।
इधर, जागरण की चुनावी नाव पर शहर के विभिन्न वर्गों के लोग सवार हो चुके हैं। चर्चा चली तो मत निकला कि लोकसभा चुनाव राष्टï्रीय मुद्दों पर आधारित होना चाहिए। नैनीताल के सांसद को 130 करोड़ की आबादी वाले देश की भीड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। राष्ट्रवाद से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक व एअर स्ट्राइक, जम्मू कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री बनाने संबंधी नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष उमर अबदुल्ला के बयान का मामला भी उठा। चुनावी नाव में खुलकर यह राय सामने आई कि सशक्त भारत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फिर से देश की कमान संभालना जरूरी है। यह भी कहा कि सक्षम नेतृत्व जरूरी है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में 22 लाख नौकरियों तथा सालाना 72 हजार देने के वादे पर सवाल भी उठे मगर कांग्रेस से जुड़े लोगों ने खुलकर इसका समर्थन किया। स्थानीय स्तर पर पर्यटन व पार्किंग को सबसे ज्वलंत मुद्दा माना गया। एक मुद्दे पर सबकी राय एकसमान थी कि नई सरकार को शहर के पर्यटन को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करने चाहिए।
सुनिए क्या कहते हैं शहर के लोग
आम चुनाव में क्षेत्रीय मुद्दों का नहीं राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मुद्दे प्रभावी होने चाहिए। भारत वैश्विक गांव का अहम हिस्सा है। ऐसे में देश में सक्षम व निर्णायक नेतृत्व की जरूरत है जो वैश्विक स्तर की चुनौतियों का सामना कर सके।
संजय भट्ट, अधिवक्ता
लोक सभा चुनाव में राष्टï्रीय मुद्दे पर लड़ा जाना चाहिए। जनता को समझना होगा कि वादों को पूरा नहीं करने वाली सरकार नहीं निभाने वाली चाहिए। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब में किसान कर्जमाफी घोषणा पत्र के अनुसार दस दिन के भीतर पूरी की।
कमलेश तिवारी, पूर्व सचिव हाई कोर्ट बार एसो.
भाजपा हो या कांग्रेस, किसी भी सरकार ने की घोषणा जमीन पर नहीं उतरी। नैनीताल में पार्किंग की समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। टैक्सी परमिट प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। सरकार का फोकस सिर्फ गढ़वाल के पर्यटन को बढ़ावा देना रह गया है। सरकार में कम प्रभाव की वजह से कुमाऊं उपेक्षित है। नई सरकार को पर्यटन की रुकी गाड़ी को आगे बढ़ाना ही होगा।
हारून खान पम्मी, व्यवसाई
व्यापार की चुनौतियां दिनोंदिन बढ़ रही हैं। जीएसटी की वजह से व्यापारियों को दिक्कतें हुई। कमियां दूर भी हुई हैं मगर व्यापार अब तक पटरी पर नहीं आया। जीएसटी से कर प्रणाली में सुधार हुआ है। यह स्वीकार करना होगा।
कैलाश मिश्रा, व्यापारी नेता
हमारा सांसद ऐसा हो जो भोगौलिक परिस्थितियों से वाकिफ हो। उसे स्थानीय से लेकर राष्टï्रीय मुद्दों की समझ हो। कांग्रेस ने गरीब परिवारों को 72 हजार सालाना मदद की घोषणा की है, इस पर संदेह नहीं किया जाना चाहिए। शहर हित के मामलों पर राजनीतिक मतभेद त्याग कर आगे बढऩा चाहिए।
मुकेश जोशी मंटू, पूर्व चेयरमैन
राष्ट्रवाद सबसे बड़ा मुद्दा है। आतंकवादियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक व एअर स्ट्राइक की गई तो प्रधानमंत्री व सरकार से सबूत मांगे जाते हैं। मोदी राज में भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र मे तीसरी महाशक्ति बन गया। भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट के सामने कोई चुनौती नहीं है। पूर्व सीएम रावत ने अपने कार्यकाल में कोई उपलब्धि हासिल नहीं की।
गोपाल रावत, भाजपा नेता
पंचायत व निकायों में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने दिया। संसद व विधान सभा में भी महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण भाजपा का संकल्प है। उत्तराखंड में टिहरी से महिला को टिकट दिया गया है। मोदी का नेतृत्व जरूरी है।
शांति मेहरा, पूर्व दर्जा मंत्री
नैनीताल विश्व प्रसिद्ध शहर है। बेहद बुरे दौर से शहरवासी गुजर रहे हैं। बलियानाला शहर के अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा बना है। जनप्रतिनिधियों को मुखर होना होगा। बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। जीएसटी से छोटे मझोले उद्योगों को बहुत नुकसान है। 40 लाख सालाना कारोबार वालों को जीएसटी से छूट मिलनी चाहिए।
किशन सिंह नेगी, अध्यक्ष व्यापार मंडल मल्लीताल
राष्ट्रवाद सबसे बड़ा मुद्दा है। राष्टï्र की मजबूती व सीमा की सुरक्षा के लिए मोदी का नेतृत्व जरूरी है।
सरकार को पलायन पर ध्यान देना चाहिए, गांव इस तरह खाली होगा तो सीमा सुरक्षा बड़ा संकट बन सकता है।
खीमराज बिष्ट, युवा सामाजिक कार्यकर्ता
नैनीताल की समस्याओं को सांसदों ने नजरअंदाज किया। सालों से पार्किंग समस्या का समाधान नहीं किया जा सका। टैक्सी कारोबार बेहद बुरे दौर में है। नियमों की सख्ती सिर्फ छोटे व्यवसाईयों से की जा रही है। यह देश का चुनाव है, ऐसे में नई सरकार समस्याओं का समाधान करने में रूचि दिखाए।
नीरज जोशी, अध्यक्ष टैक्सी ट्रेवल्स एसो
यह भी पढ़ें : समझिए अल्मोड़ा सीट का पूरा गणित, फिर चिरपरिचित प्रतिद्वंद्वी हैं आमने-सामने
यह भी पढ़ें : मनोज तिवारी बोले - देश के दुश्मनों को जवाब देने के लिए माेदी का फिर प्रधानमंत्री बनना जरूरी