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प्रकाशोत्सव पर भव्य पंडाल में गुरमत समागम व कीर्तन दरबार का हुआ आयोजन

सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव के प्रकाशोत्सव पर शुक्रवार को रामलीला मैदान में भव्य पंडाल में गुरमत समागम एवं कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 23 Nov 2018 03:51 PM (IST)Updated: Fri, 23 Nov 2018 03:51 PM (IST)
प्रकाशोत्सव पर भव्य पंडाल में गुरमत समागम व कीर्तन दरबार का हुआ आयोजन
प्रकाशोत्सव पर भव्य पंडाल में गुरमत समागम व कीर्तन दरबार का हुआ आयोजन

हल्द्वानी, जेएनएन : सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव के प्रकाशोत्सव पर शुक्रवार को रामलीला मैदान में भव्य पंडाल में गुरमत समागम एवं कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। सुनह नौ बजे से शुरू हुए दीवान में सबसे पहले हजूरी रागी भाई जसविंदर सिंह एवं साथियों ने इक बाबा अकाल रूप, दूजा रबाबी मर्दाना.. शबद गायन कर दीवान का आरंभ किया। इसके बाद खालसा स्कूल एवं श्री गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल के छात्रों ने कीर्तन किया। नैब स्कूल के दिव्यांग बच्चों ने गुरबाणी का मोहक गायन किया।

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जालंधर से आये भाई गुरप्रीत सिंघ एवं साथियों ने ज़ाहर पीर जगत गुरु बाबा शबद का गायन कर संगत को निहाल किया। लुधियाना से आये कथा वाचक ज्ञानी परविंदर सिंह ने गुरु नानक देव जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन मे सन्देश दिया प्रभु का नाम सिमरन करना, उसके नाम का जाप करना तथा निर्मल कर्म करना ही श्रेष्ठ धर्म है। निर्मल कार्यों से अपने आचरण को ऊंचा एवं निर्मल रखना। मानवता के लिए देश, धर्म, जाति, लिंग, रंग के भेद भाव से ऊपर उठकर सेवा करना ही मनुष्य जन्म का उद्देश्य होना चाहिए।

इसके बाद भाई भूपिंदर सिंह  ने नानक नाम चड़दी कला, तेरे भाणे सरबत का भला एवं कल तारण गुरु नानक आया आदि गुरबाणी शबदों का गायन किया। अंत मे मुख ग्रंथी ज्ञानी अमरीक सिंह ने सरबत के भले की कामना की अरदास करी एवं जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल के जयघोष के साथ दीवान का समापन किया। कार्यक्रम के दौरान गुरु का लंगर अटूट चलता रहा जिसमे हज़ारों श्रद्धालुओं ने लंगर छका।

पंडाल में दिया हरियाली का संदेश

पंडाल में हरियाली का संदेश देते श्री गुरु गोबिंद सिंह चैरिटेबल सोसाइटी ने पौधा वितरण का स्टाल लगाया एवं सिख मिशनरी कालेज हल्द्वानी सर्कल ने पुस्तकों का स्टाल लगाया एवं बच्चों की गुरबाणी प्रतियोगिता का आयोजन किया।

यह रहे मौजूद

इस अवसर पर रंजीत सिंह आनंद, अमरजीत सिंह सेठी, अमरजीत सिंह बिंद्रा, अमरीक सिंह, सोहन सिंह, बलजीत सिंह, रछपाल सिंघ, रविंदर पाल सिंह, सुरिंदर पाल सिंह, रविन्द्र सिंह, फतेह सिंह, सुरजीत सिंह, नरेंद्र जीत सिंह कोहली, गुरुचरन सिंह प्रिंस, जगजीत सिंह, सतवंत सिंह, तजिंदर सिंह, कवलजीत सिंह, जसपाल सिंह मालदार, दलजीत सिंह आदि ने सहयोग किया।

नैनीताल में भी हुए धार्मिक अनुष्‍ठान

गुरुपर्व पर  गुरुद्वारा में विविध धार्मिक अनुष्ठान किये जा रहे हैं। सुबह अखंड साहिब का भोग पढ़ा गया। अमृतसर स्वर्ण मंदिर से आये हजूरी रागी जसविंदर सिंह व नैनीताल के हजूरी रागी तलविंदर सिंह द्वारा गुरुवाणी पढ़ी गई।हजूरी रागी जत्थे के मनप्रीत सिंह, हरमेहर कौर द्वारा कीर्तन किया गया। गुरुपर्व पर सिख समुदाय के विभिन्न पब्लिक स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों ने गुरुद्वारा पहुंचकर मत्था टेका।इस दौरान गुरु का अटूट लंगर बरता गया। आयोजन को सफल बनाने में गुरु सिंह सभा अध्यक्ष सरदार जोगेंदर सिंह, नरेंद्रपाल सिंह, अमरप्रीत सिंह, जसमीत सिंह, जसमीत सिंह, जीत सिंह आनंद, गुरुविंदर सिंह, आरबी सिंह,समेत अन्य जुटे हैं।

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