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देश के आठ टाइगर रिजर्व में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को सबसे अधिक बजट

बाघों के संरक्षण के लिए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) को मिल रहे बजट में साल दर साल इजाफा हो रहा है। एनटीसीए ने बाघों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए बजट भी बढ़ाया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 04:20 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 04:20 PM (IST)
देश के आठ टाइगर रिजर्व में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को सबसे अधिक बजट
देश के आठ टाइगर रिजर्व में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को सबसे अधिक बजट

रामनगर, जेएनएन : बाघों के संरक्षण के लिए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) को मिल रहे बजट में साल दर साल इजाफा हो रहा है। कॉर्बेट में बाघ की संख्या बढऩे पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने पिछले तीन सालों में बाघों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए बजट भी बढ़ाया है। देश के आठ टाइगर रिजर्व में सबसे अधिक बजट कॉर्बेट पार्क को ही मिला है।

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प्रोजेक्ट टाइगर के तहत सीटीआर में विभिन्न कार्यों के लिए धनराशि एनटीसीए, भारत सरकार व राज्य सरकार देती है। इस धनराशि का अधिकांश हिस्सा एनटीसीए का रहता है। बजट में कुछ अंश राज्य सरकार द्वारा कॉर्बेट को दिया जाता है।

वर्ष २०२०-२१ के लिए सीटीआर प्रशासन द्वारा बीते मई माह में एनटीसीए से बजट की मांग की गई थी। हर साल अक्टूबर में जारी होने वाला बजट इस बार तीन माह पहले जून में ही स्वीकृत हो गया। इस बार १९.४४ करोड का बजट स्वीकृत किया गया है। जिसमें से १४.७४ करोड़ एनटीसीए देगी। शेष बजट राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा। एनटीसीए ने १४.७४ करोड़ में से पहली किश्त के रूप में ७.१६ करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं।

एनटीसीए द्वारा जारी बजट

वित्तीय वर्ष        स्वीकृत               केंद्रीय अंश

2014-11           11.02 crores       7.11 crores

2014-16           15.6 crores          9.35 crores

2019-20           22.94 crores        14.26 crores

2020-21           19.4 crores          14.6 crores

एनटीसीए द्वारा प्रस्ताव मिलने पर अभी आठ टाइगर रिजर्व को बजट जारी किया गया है। इनमें अरुंणाचल में काके, बिहार मेें वाल्मीकि, महाराष्ट्र मेें मेलघाट व बोर, उड़ीसा में सिमलीपाल, पश्चिमी बंगाल में सुंदर वन तथा उत्तराखंड में कॉर्बेट व राजाजी टाइगर रिजर्व शामिल हैं।

सुरेंद्र महरा, डीआइजी, एनटीसीए दिल्ली का कहना है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की प्राथमिकता के आधार पर बाघों की सुरक्षा के लिए आवश्यकतानुसार पर्याप्त बजट दिया गया है। बाघों की सुरक्षा के सभी मद में बजट जारी हुआ है। आठ टाइगर रिजर्व में कॉर्बेट को अधिक बजट दिया गया है।

सीटीआर निदेशक राहुंल ने बताया कि कॉर्बेट में पहले बजट अक्टूबर-नवंबर में जारी होता था। यह पहला मौका है जब एक माह से कम समय में ही बजट रिलीज हो गया है। समय पर पैसा मिलने से एसटीपीएफ के कर्मियों व दैनिक श्रमिकों को समय पर वेतन देने के अलावा अन्य विभागीय कार्य व बारिश में खराब सड़कों की मरम्मत हो सकेगी।

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