बनभूलपुरा में खाकी पर बरसे पत्थर फिर भी उपद्रवियों पर अफसरों का रहम
बनभूलपुरा में हुए बवाल को सात दिन बीत चुके हैं। इसके बावजूद अभी तक मामले में एक भी उपद्रवी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
हल्द्वानी, जेएनएन : बनभूलपुरा में हुए बवाल को सात दिन बीत चुके हैं। इसके बावजूद अभी तक मामले में एक भी उपद्रवी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। सूत्रों की मानें तो अफसरों से मंजूरी नहीं मिलने के कारण पुलिस पत्थरबाजों को गिरफ्तार नहीं कर रही। वहीं, पुलिस की इस सुस्ती का फायदा हंगामा करने वाले उठा चुके हैं। पत्थरबाजों का नेतृत्व कर रहे अधिकांश युवक बनभूलपुरा से फरार हैं। अधिकारी अब धरपकड़ को कहते भी हैं तो तलाशने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।
16 जनवरी की दोपहर बनभूलपुरा थाने के पास तेज रफ्तार बस ने चार साल के मासूम को जोरदार टक्कर मार दी थी। गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, कुछ देर में उसकी मौत की सूचना मिलते ही थाने के बाहर जमा लोग आक्रोशित हो गए। उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। जिसमें कोतवाल विक्रम राठौर, प्रभारी एसओ मंगल सिंह नेगी को चोट आई। इसके बावजूद पुलिस उपद्रवियों को समझाने में जुटी रही। ताकि एरिया का माहौल खराब न हो। बस में आगजनी का प्रयास पुलिस ने विफल किया। स्थानीय जनप्रतिनिधि भीड़ को समझाते रहे, लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी। इधर, पुलिस को लगा कि मामला शांत हो जाएगा, लेकिन अंधेरा होते ही फिर ताबड़तोड़ पत्थर बरसने लगे। आमने-सामने से लेकर घरों की छतों तक से पुलिसकर्मियों पर पत्थर बरसाए गए। हालांकि पुलिस के एक्शन मोड में आते ही उपद्रव फैलाने वाले लोग फरार हो गए। अगले दिन गुरुवार को एसआइ मंगल सिंह नेगी ने 60 अज्ञात लोगों पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। जिसके बाद एक दर्जन से अधिक लोग चिह्नित भी हुए, लेकिन अफसरों से गिरफ्तारी का आदेश नहीं मिलने के कारण मामला ठंडा पड़ता जा रहा है।
इन्हें लगी थी चोट
शुरू में आक्रोशित लोगों को समझाने प्रभारी एसओ मंगल सिंह नेगी पहुंचे। पत्थर लगने के बाद वह घायल हो गए। वहीं, दोबारा हुए बवाल में उनके पांव की दो अंगुलियां टूट गई। इसके अलावा कोतवाल विक्रम सिंह राठौर का सिर फटा। एसओ मुखानी नंदन रावत, एसओ काठगोदाम कमाल हसन, बैलपड़ाव चौकी इंचार्ज सुशील जोशी, सिपाही अहसान समेत कुल एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
पहले सड़क का मामला सुलझेगा
चोरगलिया रोड पर हादसे के बाद से बसों का संचालन बंद कर दिया गया है। इस बात से गौलापार के लोग आक्रोशित हैं। उन्होंने आंदोलन तक की चेतावनी दी है। सूत्रों की मानें तो अधिकारी पहले सड़क का मामला सुलझाने में लगे हैं। उसके बाद उपद्रवियों पर कार्रवाई की संभावना है।
बढ़ेगा उपद्रवियों का हौसला
पुलिस की सुस्ती भविष्य में उसी पर भारी पड़ सकती है। पत्थर मारने वाले अधिकांश युवा नशेड़ी प्रवृत्ति के थे। पुलिस कई बार उन्हें किसी न किसी मामले में पकड़ चुकी थी। भीड़ का फायदा उठाकर उन्होंने पुलिस पर अपनी गुस्सा निकाला। जल्द कार्रवाई नहीं होने पर अब उनका दुस्साहस बढ़ेगा।
आरोपितों की होगी गिरफ्तारी
सुनील कुमार मीणा, एसएसपी ने बताया कि पुलिस ऐसे सभी लोगों को चिह्नित करने में जुटी है। वीडियो व फोटो जुटाए जा रहे हैं। पत्थर बरसाने वालों की हर हाल में गिरफ्तारी होगी।
फायरिंग करने वाला मल्लू फरार
लाइन नंबर एक निवासी कोयला कारोबारी सरताज को साथियों संग मिलकर बंद कमरे में पीटने के बाद घर के बाहर फायङ्क्षरग करने का आरोपित दो दिन बाद भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। बताया जा रहा है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद से वह फरार हो गया है। सोमवार को दर्ज मुकदमे में कारोबारी ने कहा था कि उसने मल्लू से एक लाख रुपये दुकान बेचने के ऐवज में लिए थे। रविवार रात उसने घर पर बुलाकर पैसे ले जाने को कहा। वहां पहुंचने पर मल्लू ने अपने दो साथियों जावेद व बल्लू के साथ मिलकर उसे जमकर पीटा। वहीं, अस्पताल से उपचार कराने के बाद जब वह घर के आगे पहुंचा तो बोलेरो कार में सवार मल्लू ने जान से मारने की नीयत से उस पर फायर झोंक दिया।
यह भी पढ़ें : खाई से बरामद मां और बेटियों के शव की हुई शिनाख्त, इसलिए हुई हत्या
यह भी पढ़ें : पहाड़ की शांत वादियों में बढ़ा रिश्तों के कत्ल का सिलसिला, तीन साल में 31 हत्याएं