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दिल्ली में प्रदूषण के कारण ऑफ सीजन में बढ़ा नैनीताल का पर्यटन, दिल्‍ली-हरियाणा से पहुंच रहे सैलानी

प्रदूषण से दिल्ली एनसीआर की हवा क्या खराब हुई सरोवर नगरी के पर्यटन की फिजा ही बदल गई। आलम यह है कि दिवाली के बाद से सैलानियों का नैनीताल एवं आसपास काफी संख्या में पहुंचना जारी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 09:37 AM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 10:03 AM (IST)
दिल्ली में प्रदूषण के कारण ऑफ सीजन में बढ़ा नैनीताल का पर्यटन, दिल्‍ली-हरियाणा से पहुंच रहे सैलानी
दिल्ली में प्रदूषण के कारण ऑफ सीजन में बढ़ा नैनीताल का पर्यटन, दिल्‍ली-हरियाणा से पहुंच रहे सैलानी

नैनीताल, जेएनएन : प्रदूषण से दिल्ली एनसीआर की हवा क्या खराब हुई, सरोवर नगरी के पर्यटन की फिजा ही बदल गई। आलम यह है कि दिवाली के बाद से सैलानियों का नैनीताल एवं आसपास काफी संख्या में पहुंचना जारी है। जिसे चलते पर्यटन कारोबारी बेहद खुश हैं।

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नैनीताल में समर व ऑटम दो अहम पर्यटन सीजन रहते हैं। इस दौरान सैलानी बड़ी संख्या में यहां पहुंचते है। ऑटम सीजन सितंबर मध्य से शुरू होकर अक्टूबर अंत में समाप्त हो जाता है। नवंबर से ऑफ सीजन शुरू होने के बाद सैलानियों का टोटा क्रिसमस पर्व से पहले तक बना रहता है। इस बार नवंबर शुरुआत में ही सैलानियों की आमद कम होने की बजाय काफी बढ़ी है, जिसमें अधिकांश संख्या दिल्ली, एनसीआर हरियाणा आदि के सैलानियों की है। इनके अलावा गुजरात, बंगाल व उत्तर प्रदेश के सैलानी भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। जिसके चलते नगर के पर्यटन की रंगत में निखार आ गया है। यहां के पर्यटन स्थलों में पूरे दिन सैलानियों की आवाजाही हो रही है। मालरोड व पंत पार्क समेत तमाम पर्यटन स्थलों में सैलानी शुद्घ शीतल हवा में चहल कदमी कर नैसर्गिक सुंदरता का लुत्फ उठा रहे हैं। नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश चंद्र साह का कहना है कि इस बीच दिल्ली एनसीआर के पर्यटकों की आमद काफी रही। दिल्ली मेें वायु प्रदूषण बढऩे के अलावा स्कूलों में छुट्टी होने के कारण सैलानी अधिक संख्या में यहां पहुंचे हैं, जिससे पर्यटन कारोबार में वृद्धि हुई है। वहीं होटल एवं रिसोर्ट एसोसिएशन रामनगर के अध्यक्ष हरि सिंह मान का कहना है कि हालांकि छह से पंद्रह नवंबर तक अधिकांश रिसोर्ट विवाह कार्यक्रमों के लिए बुक हो चुके हैं। कॉर्बेट पार्क में भी पहले से ही पर्यटक आनलाइन बुकिंग कर पहुंच रहे हैं।

प्रदूषण के लिहाज से महफूज हैं पर्वतीय क्षेत्र

आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वायुमंडलीय वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह का कहना है कि प्रदूषण के लिहाज से पर्वतीय क्षेत्र इन दिनों महफूज हैं। पीएम 2.5 की मात्रा दिल्ली एनसीआर की तुलना में यहां जमीन-आसमान का अंतर हैं। दिवाली के बाद कुछ दिन प्रदूषण यहां सामान्य की तुलना में 50 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से उपर पहुंच गया था, जो अब सामान्य पहुंच अवस्था में आ गया है। पिछले चार पांच दिनों से यह 12 से 15 के बीच बना हुआ है।

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