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पैन से आधार लिंक नहीं कराया तो एक हजार रुपये जुर्माना, एक जुलाई से होंगे कई बदलाव

Pan Lin Aadhar एक जुलाई को जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर के पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। कई अन्य कानूनों में भी संशोधन होने वाले हैं। सीए रोहित नौला प्रमुख संशोधन के बारे में बता रहे हैं।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 06:55 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 06:55 AM (IST)
पेनल्टी के साथ अगले वर्ष 31 मार्च तक आधार को पैन से लिंक कराया जा सकता है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही गुजर जाने के बाद कई बदलाव होते हैं। जिसका सीधा असर आम करदाता व व्यापारी पर पड़ता है। एक जुलाई को जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर के पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। कई अन्य कानूनों में भी संशोधन होने वाले हैं। सीए रोहित नौला प्रमुख संशोधन के बारे में बता रहे हैं।

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आधार पैन कार्ड लिंक

आपने आधार कार्ड को पैन कार्ड के साथ लिंक नहीं किया है तो 30 जून से पहले कर लें। 30 जून के बाद ऐसा करने पर दोगुनी पेनल्टी का भुगतान करना होगा। एक अप्रैल 2022 से पैन-आधार लिंक करने पर 500 रुपये की पेनल्टी ली जा रही है। जुलाई से यह दोगुना हो जाएगी। पेनल्टी के साथ अगले वर्ष 31 मार्च तक आधार को पैन से लिंक कराया जा सकता है। आयकर विभाग की वेबसाइट से इसे घर बैठे लिंक कराया जा सकता है। तय अवधि में पैन लिंक नहीं कराया तो यह रद हो जाएगा।

होम लोन होगा महंगा

रिजर्व बैंक के रेपो रेट बढ़ाने की वजह से बैंकों व हाउसिंग फाइनेंस कंपनी का होम लोन महंगा हो जाएगा। जिनके होम लोन की रीसेट तिथि 1 जुलाई है, उन्हें जुलाई से ज्यादा धनराशि देनी होगी। किसी ने 20 साल के लिए 10 लाख रुपये का लोन 7.25 प्रतिशत ब्याज दर पर लिया था तो उसे 7904 रुपये महीना किस्त चुकानी होती थी। जुलाई से 7.75 प्रतिशत ब्याज पर 8210 रुपये किस्त चुकानी होगी। साल में 3666 रुपये अधिक जाएंगे।

टीडीएस का नया सेक्शन लागू

बजट में टीडीएस को लेकर की गई घोषणा एक जुलाई से लागू होगी। जिसके चलते व्यापार व किसी प्रोफेशन से जुड़े करदाता को कोई लाभ या सुविधा मिलती है तो उस पर 10 प्रतिशत टीडीएस कटेगा। यह दायित्व भुगतान कर्ता पर आएगा। नए सेक्शन 194आर के नियम को एक जुलाई से लागू कर दिया जाएगा।

डेविट-क्रेडिट कार्ड की जानकारी सेव नहीं होगी

आनलाइन कारोबार करने वाले व्यवसायी एक जुलाई से ग्राहकों के डेबिट-क्रेडिट की जानकारी सेव नहीं कर पाएंगे। आरबीआइ टोकनाइजेशन की प्रणाली लागू करेगी, जिससे ग्राहक की सहमति से ही आरबीआइ कार्ड की जानकारी को एंकरिप्टेड रूप में अपने पास रखेगी। आनलाइन भुगतान करते समय सिर्फ सीवीवी ही दर्ज करना होगा। जो ग्राहक टोकनाइजेशन का चुनाव नहीं करते, उन्हें हर ट्रांजेक्शन के समय कार्ड की पूरी जानकारी भरनी होगी।


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