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नंधौर में भी खनन बंद, वाहन स्वामियों ने निकासी गेटों के अंदर नहीं भेजीं गाडिय़ां

नंधौर में भी फावड़े-बेलचे चलने बंद हो गए। इको सेंसेटिव जोन के नए फार्मूले को लेकर प्रस्ताव तैयार नहीं करने से गुस्साए वाहन स्वामियों ने निकासी गेटों के अंदर गाडिय़ां नहीं भेजी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 10:40 AM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 07:23 PM (IST)
नंधौर में भी खनन बंद, वाहन स्वामियों ने निकासी गेटों के अंदर नहीं भेजीं गाडिय़ां
नंधौर में भी खनन बंद, वाहन स्वामियों ने निकासी गेटों के अंदर नहीं भेजीं गाडिय़ां

नैनीताल, जेएनएन : गौला के बाद सोमवार से नंधौर में भी फावड़े-बेलचे चलने बंद हो गए। इको सेंसेटिव जोन के नए फार्मूले को लेकर प्रस्ताव तैयार नहीं करने से गुस्साए वाहन स्वामियों ने निकासी गेटों के अंदर गाडिय़ां नहीं भेजी। जिससे सरकार को मिलने वाले 50 लाख के राजस्व का नुकसान हुआ है। हड़ताल मंगलवार को भी जारी रहेगी।

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नंधौर सेंचुरी के आसपास सेंसेटिव जोन निर्धारण का मामला लंबे समय से गर्माया है। खनन और उद्योग से जुड़े लोगों की मांग है कि सरकार नए सिरे से दस किमी जोन के प्रस्ताव को ढाई किमी बनाकर केंद्र को भेजे। इसके पास होने पर ही भविष्य में रोजगार पर संकट नहीं आएगा। वाहन स्वामियों का आरोप है कि प्रस्ताव की प्रक्रिया को लेकर लगातार लापरवाही बरती जा रही है। नदी के गेटों से रोजाना 1740 वाहनों से उपखनिज निकासी होती है। प्रदर्शन करने वालों में ग्राम प्रधान सुरजीत कौर, छत्रपति बेलवाल, राजू मेहता, नवी अहमद, ललित मटियाली, मनोज चिलवाल, मनोज गढ़कोटी, भुवन पनेरू, गुड्डु मिश्रा, भरत बिष्ट, मोहन बजेठा आदि शामिल रहे।

हड़ताल जारी, स्टेडियम गेट पर वाहन स्वामियों का हंगामा

हल्द्वानी: गौला से सोमवार को दूसरे दिन भी उपखनिज की निकासी ठप रही। क्रशर संचालकों द्वारा उपखनिज का रेट कम करने से भड़के वाहन मालिक बैठक के बाद गौलापार स्टेडियम के पास निजी कंपनी के लिए खोले गए गेट पर पहुंच गए। यहां निकासी रोकने के साथ ही उन्होंने जमकर हंगामा किया। इसके बाद गेट बंद करवा दिया गया। वहीं, क्रशर संचालकों की ओर से रेट नहीं बढ़ाने के मूड की वजह से सोमवार को भी समझौता वार्ता नहीं हो सकी।

हल्द्वानी व लालकुआं तहसील में स्थित स्टोन क्रशरों की ओर से एक माह के भीतर उपखनिज ढुलान में 16 रुपये कम किए गए हैं। क्रशर मालिकों का तर्क है कि बाहर से रेत-बजरी कम दाम में सप्लाई हो रही है। जिस वजह से मार्केट गिरी है। वहीं, वाहन स्वामी इसे अपना उत्पीडऩ बताते हुए रविवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। दो दिन के भीतर चार करोड़ 16 लाख के राजस्व का नुकसान भी सरकार को हुआ है। वहीं, सोमवार सुबह बरेली रोड स्थित पाल स्टोन क्रशर पर जुटे वाहन मालिक बैठक के बाद सद्भाव कंपनी के लिए गौलापुल के पार खुले गेट पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि सभी गेट बंद हैं। लिहाजा यहां से निकासी भी ठप होनी चाहिए।

गाड़ी मालिकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गेट बंद करने को कहा। बवाल की सूचना पर काठगोदाम एसओ कमाल हसन के नेतृत्व में पुलिस मौके पर पहुंच गई। जिसके बाद गेट बंद कर दिया गया। गौला संघर्ष समिति के सचिव पम्मी सैफी ने कहा कि शीशमहल से शांतिपुरी तक एक-एक गेट का जायजा लिया गया। मंगलवार को बुद्ध पार्क में सभी वाहन स्वामी जुटेंगे। यहां से रैली निकालने के बाद एसडीएम का घेराव किया जाएगा। प्रदर्शन में मनोज मठपाल, अरशद अयूब, इंद्र सिंह बिष्ट, पृथ्वी पाठक, दिनेश, संजय बोरा, भीम, सतनाम सिंह, मनोज भट्ट आदि शामिल रहे।

शासन-प्रशासन की भूमिका पर उठाए सवाल

शीशमहल में बैठक के दौरान वाहन स्वामियों ने शासन व प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए। वाहन स्वामी राजेंद्र बिष्ट ने कहा कि क्रशरों ने एक तरफ भाड़ा कम कर दिया। जबकि खुद का उपखनिज पुराने दाम में बेच रहे हैं। बैठक में रोहित शाह, योगेंद्र बिष्ट, मनीष गौड़, राजकुमार यादव, दिनेश फुलारा, जगमोहन मेहरा, भानु बोरा आदि मौजूद रहे।

क्रशर संचालकों ने डीएम, विधायकों को ज्ञापन भेजा

वाहन स्वामियों व क्रशर संचालकों के बीच उपजे विवाद का दूसरे दिन भी हल नहीं निकलने पर कुमाऊं स्टोन क्रशर एसोसिएशन की ओर से जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन, विधायक नवीन दुम्का, बंशीधर भगत को ज्ञापन भेजा गया है। कहा गया कि गौला खुलने व बाजार में उछाल आने पर दो बार भाड़ा बढ़ाया गया था। अब गौला का उपखनिज महंगा होने पर बरेली, रामपुर, मुरादाबाद आदि जगहों से उपखनिज आने लगा है। वहीं, बारिश कम होने से इस बार गौला में आरबीएम की मात्रा काफी कम है। एसोसिएशन अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने कहा कि तीस प्रतिशत तक मिट्टी निकल रही है। तैयार उपखनिज पहले की अपेक्षा कम दाम में बिक रहा है। लिहाजा मजबूरी में रेट कम करने पड़े हैं। कहा कि कुछ वाहन स्वामी क्रशरों की बिक्री को प्रभावित कर रहे हैं।  रहे।

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