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उत्तराखंड में दोबारा से खनन सत्र को खोला गया, लेकिन वाहन स्वामी नहीं ले रहे रुचि

उत्तराखंड में दोबारा से खनन सत्र को खोला गया है। मगर वाहनस्वामियों के दिलचस्पी नहीं दिखाने की वजह से लक्ष्य और राजस्व हासिल करने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2020 07:34 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2020 07:34 PM (IST)
उत्तराखंड में दोबारा से खनन सत्र को खोला गया, लेकिन वाहन स्वामी नहीं ले रहे रुचि
उत्तराखंड में दोबारा से खनन सत्र को खोला गया, लेकिन वाहन स्वामी नहीं ले रहे रुचि

हल्द्वानी, जेएनएन : केंद्र में मजबूत पैरवी के बाद उत्तराखंड में दोबारा से खनन सत्र को खोला गया है। मगर वाहनस्वामियों के दिलचस्पी नहीं दिखाने की वजह से लक्ष्य और राजस्व हासिल करने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में वन निगम ने आदेश जारी किया है कि गौला की जिन गाडिय़ों ने तीन दिन के अंदर उपखनिज निकासी नहीं की। उनका रजिस्ट्रेशन को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। राजस्व को लेकर गंभीर वन निगम अब सख्ती के मूड में है। वहीं, इस आदेश को लेकर वाहनस्वामियों में आक्रोश भी है।

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गौला समेत उत्तराखंड की सभी नदियों में 31 मई को हर बार की तरह खनन बंद हो गया था। लॉकडाउन की वजह से पहले ही नदियों के बंद रहने की वजह से लक्ष्य की प्राप्ति भी नहीं हो सकी थी। सिर्फ गौला नदी में करीब 11 लाख घनमीटर उपखनिज छूटा था। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के आदेश पर प्रदेश की सात नदियों को फिर खोला गया। इसमें पांच नदियां कुमाऊं की थी। इधर, गौला के लालकुआं डिवीजन में चार गेटों पर आरबीएम नहीं होने के कारण बंद ही रखा गया।

फिलहाल लालकुआं व शांतिपुरी गेट से निकासी चल रही है। वहीं, हल्द्वानी डिवीजन के तहत आने वाले शीशमहल, राजपुरा, इंदिरानगर, आंवला चौकी व गोरापड़ाव गेट को आठ जून को खोला गया। वन निगम के मुताबिक इन पांच निकासी गेटों पर कुल 3400 वाहन पंजीकृत है, लेकिन 1200-1300 गाडिय़ां ही रोज नदी में पहुंच रही है। ऐसे में राजस्व और लक्ष्य दोनों पीछे छूटेगा। जिस वजह से आदेश जारी किया गया है कि 12 जून तक इन 2100 गाडिय़ों को अपने-अपने गेटों से निकासी करनी होगी। इसके बावजूद लापरवाही होने पर सबकी लिस्ट तैयार कर रजिस्ट्रेशन कैंसल करने की तैयारी शुरू हो जाएगी।

बाहर की गाड़ी भी चलेगी

तीन दिन के भीतर भी अगर वाहनों की गिनती पूरी नहीं हुई तो वन निगम बाहर की गाडिय़ों को भी चला सकता है। इसमें उन वाहनों को वरीयता दी जाएगी जो कि उन गेटों पर पंजीकृत है। जिन्हें उपखनिज की कमी के चलते नहीं खोला गया। विकल्प के तौर पर निगम इस तैयारी में भी जुटा है।

गौला को दोबारा खुलवाया गया

जेपी भट्ट, डीएलएम हल्द्वानी डिवीजन ने बताया कि लक्ष्य को पूरा करने के लिए गौला को दोबारा खुलवाया गया है। मजदूरों की कमी नहीं है। स्थानीय लोग तक काम करने को तैयार है। 12 जून के बाद भी एंट्री नहीं करने वाली गाडिय़ों को चिन्हित किया जाएगा।

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