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Mamta Bisht murder Haldwani: हत्यारे अशरफ ने 35 हजार में गिरवी रखे ममता के झुमके, कई और भी हुए सनसनीखेज खुलासे

Mamta Bisht murder Haldwani एसएसपी ने बताया कि घर पहुंचने के बाद हत्यारे ने कपड़े धोए लेकिन खून के धब्बे कपड़े में कई जगह से मिटे नहीं थे। उसके जूते भी खून से सने थे। दूसरे दिन उसने आधे जेवर घर में छिपा दिए।

By Jagran NewsEdited By: Rajesh VermaPublished: Mon, 07 Nov 2022 08:28 PM (IST)Updated: Mon, 07 Nov 2022 08:28 PM (IST)
Mamta Bisht murder Haldwani: हत्यारे अशरफ ने 35 हजार में गिरवी रखे ममता के झुमके, कई और भी हुए सनसनीखेज खुलासे
अशरफ ने मुथुट फाइनेंस कंपनी में 35 हजार रुपये में गिरवी रख दिए थे।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Mamta Bisht murder Haldwani:मुखानी थाना क्षेत्र में हुई पुलिसकर्मी की पत्नी ममता बिष्ट की हत्या का पर्दाफाश हो चुका है। हत्यारोपी अशरफ ममता के जेवर लूटने के बाद पंतनगर से रुद्रपुर होते हुए किच्छा अपने घर पहुंचा। दूसरे दिन उसने जेवरों को ठिकाने लगाना शुरू कर दिया। गलोबंद, मंगलसूत्र व लाकेट को टेबल फैन के पीछे का ढक्कन खोलकर छिपा दिया, जबकि झुमके चोपड़ा मार्केट किच्छा में स्थित मुथुट फाइनेंस कंपनी में 35 हजार रुपये में गिरवी रख दिए थे। पुलिस ने हत्यारे की निशानदेही पर बिल बरामद कर ज्वेलरी कब्जे में ली।

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छह माह पहले किया था काम

किच्छा के वार्ड 15 निवासी मो. अशरफ उर्फ भूरा ने छह माह पहले भी सात दिन तक सिपाही के घर पर ग्रिल का काम किया था। उसे पता था कि सिपाही के घर पर जेवर व अच्छा खासा पैसा है। ममता की हत्या के बाद पुलिस के शक की सुई मकान बनाने वाले कारपेंटर, पेंटर, माली व ग्रिल बनाने वालों पर घूमी थी। इसलिए पुलिस ने मुखबिर तंत्र को भी सतर्क कर दिया था।

किसी की आहट पर भागा था घर से

एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि अशरफ ने ममता को मारने के बाद लूट की। घर के बाहर किसी चीज की आहट होने पर वह डर गया। जल्दबाजी में कम जेवर लेकर फरार हो गया था। हत्या में प्रयुक्त हथौड़े को वह जीतपुर नेगी के पास एक गन्ने के खेत में फेंककर चला गया।

कर्ज से मुक्ति के लिए की वारदात

एसएसपी ने बताया कि घर पहुंचने के बाद हत्यारे ने कपड़े धोए, लेकिन खून के धब्बे कपड़े में कई जगह से मिटे नहीं थे। उसके जूते भी खून से सने थे। दूसरे दिन उसने आधे जेवर घर में छिपा दिए। झुमके 35 हजार रुपये में गिरवी रखकर आ गया। इन 35 हजार रुपये से वह दुकान का किराया देकर कर्ज से मुक्त होना चाहता था।

ममता ने खिलाया था खाना

जिस समय अशरफ सिपाही शंकर के घर पर ग्रिल लगाने का काम कर रहा था, उस दौरान ममता ने उसे घर पर अपने हाथ से बनाया खाना खिलाया था। इसके अलावा पांच लोगों के घरों में काम भी दिलवाया था। उसे क्या पता था जिस अशरफ के लिए इतना कर रही है, वही एक दिन उसका कातिल बन जाएगा।

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