हेलीकॉप्टर सेवा टेंडर मामला, तीन हेली कंपनियों को पक्षकार बनाने के निर्देश
चारधाम हेलीकाप्टर सेवा के मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता से इन क्षेत्रों में हवाई सेवा देने वाले कम्पनियों को पक्षकार बनाने के आदेश दिए है।
नैनीताल, [जेएनएन]: हाई कोर्ट ने केदारनाथ धाम के लिए हेलीकॉप्टर सेवा के टेंडर को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को तीन हेली कंपनियों को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं। मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार 11 मई के लिए नियत की गई है।
हैलीपेड संचालक देहरादून निवासी राजीव धर ने याचिका दायर कर सरकार द्वारा हेली सेवा के लिए जारी टेंडर को चुनौती दी गई। इसी बीच सरकार द्वारा टेंडर प्रक्रिया निरस्त कर नया टेंडर जारी कर दिया तो फिर से याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई। याचिका में आरोप लगाया गया कि सरकार द्वारा नौ कंपनियों को लाभ पहुंचाने के मकसद से टेंडर की शर्तें तय की हैं।
सरकार ने टेंडर में यह शर्त भी रख दी कि वही कंपनी टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा ले सकती है, जिसका हेलीकॉप्टर पिछले दो साल में उत्तराखंड में कहीं दुर्घटनाग्रस्त ना हुआ हो। सरकार द्वारा इस बार मंदाकिनी घाटी के त्रियुगीनारायण हेलीपेड का टेंडर ही नहीं निकाला, जबकि यह भी चारधाम क्षेत्र में ही है। मंगलवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता से हिमालयन एविएशन, पवनहंस व आरएन एविएशन को पक्षकार बनाने के निर्देश याचिकाकर्ता को दिए। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा यात्री किराये की सूची भी कोर्ट में पेश की गई। जिसमें प्रति यात्री किराया 9999 रुपये जबकि सरकारी रेट सात हजार तीन सौ रुपये और जीएसटी होगा।
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