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प्राइवेट परीक्षा हटाने के बाद से कुमाऊं विश्‍वविद्यालय को सालाना 18 करोड़ का घाटा nainital news

तीन साल पहले राज्य सरकार की ओर से प्राइवेट परीक्षाएं मुक्त विवि को सौंपने के बाद विवि को सालाना करीब 18 करोड़ का घाटा हो रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 09:05 AM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 09:05 AM (IST)
प्राइवेट परीक्षा हटाने के बाद से कुमाऊं विश्‍वविद्यालय को सालाना 18 करोड़ का घाटा nainital news
प्राइवेट परीक्षा हटाने के बाद से कुमाऊं विश्‍वविद्यालय को सालाना 18 करोड़ का घाटा nainital news

नैनीताल, किशोर जोशी : कुवमाऊं विवि की वित्तीय जरूरतें करीब-करीब राज्य सरकार के रहमोकरम पर निर्भर हो गई हैं। तीन साल पहले राज्य सरकार की ओर से प्राइवेट परीक्षाएं मुक्त विवि को सौंपने के बाद विवि को सालाना करीब 18 करोड़ का घाटा हो रहा है। सीमित आर्थिक संसाधनों की वजह से आलम यह है कि राज्य सरकार फंड न दे तो प्राध्यापक-कर्मचारियों वेतन के लाले पड़ जाएंगे।

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कुमाऊं विवि की स्वायत्तता पर सवाल

1973 में स्थापित कुमाऊं विवि की स्वायत्तता पर सवाल उठ रहे हैं। यह इसलिए कि विवि की वित्तीय जरूरतें करीब-करीब राज्य सरकार की कृपा पर हैं। मौजूदा सूरतेहाल में सालाना विवि को वेतन इत्यादि मद में 72 करोड़ की दरकार है, मगर राज्य सरकार वेतन मद में 64.50 करोड़, राज सहायता मद में आठ करोड़ जारी कर चुकी है। इसके अलावा निर्माण मद में 82 लाख वर्तमान वित्तीय वर्ष में मिल चुके हैं।

बजट को लेकर वीसी ने की पैरवी

पिछली बार राज सहायता मद में छह करोड़ मिले, इस बार कुलपति प्रो. केएस राणा ने राजभवन के साथ ही उच्च शिक्षा राज्य मंत्री व शासन के अधिकारियों के दर पर जाकर बजट को लेकर पैरवी की, नतीजा यह निकला कि वेतन को लेकर विवि की चिंताएं दूर हो गईं। मगर यह स्थिति कब बिगड़ जाय, यह नहीं कहा जा सकता। विवि के वित्त अधिकारी दिनेश कुमार राणा के अनुसार यूजीसी के साथ ही राष्ट्रीय उच्चतर माध्यमिक शिक्षा मद से मिली रकम को उपयोग उसी में किया जाता है, जिसके लिए नियत है।

शोध प्रोजेक्ट पर पड़ रहा असर

विवि की खराब वित्तीय स्थिति का असर शोध परियोजनाओं पर भी पड़ रहा है। यूजीसी जैसी संस्थाएं अब पहले की तरह बजट के बजाय सिर्फ शिक्षा व शोध की गुणवत्ता बेहतर करने, विवि संचालन को लेकर गाइडलाइन जारी अधिक कर रही हैं। विकास कार्यों के साथ ही मरम्मत व उपकरणों की खरीद भी प्रभावित हो रही है। वहीं कुलपति प्रो. केएस राणा ने बताया कि कुमाऊं विवि की वित्तीय स्थिति मेें सुधार को लेकर सरकार व शासन से सहयोग मिल रहा है। इस बार राज सहायता मद में पिछले साल की अपेक्षा दो करोड़ अधिक मिला है। बेहतर वित्तीय स्थिति के लिए कोशिशें जारी हैं।

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