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कुमाऊं विश्वविद्यालय : शून्य अंक देने वाले प्राध्यापकों को दिया जाएगा चेतावनी पत्र NAINITAL NEWS

बीएससी छठें सेमेस्टर की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गड़बड़ी की पुष्टिï हो गई है। विवि ने तय किया है कि शून्य अंक देने वाले प्राध्यापकों को चेतावनी पत्र दिया जाएगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 25 Aug 2019 03:35 PM (IST)Updated: Sun, 25 Aug 2019 03:35 PM (IST)
कुमाऊं विश्वविद्यालय : शून्य अंक देने वाले प्राध्यापकों को दिया जाएगा चेतावनी पत्र NAINITAL NEWS
कुमाऊं विश्वविद्यालय : शून्य अंक देने वाले प्राध्यापकों को दिया जाएगा चेतावनी पत्र NAINITAL NEWS

नैनीताल, जेएनएन : बीएससी छठें सेमेस्टर रसायन विज्ञान के प्रथम प्रश्नपत्र की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गड़बड़ी की पुष्टिï हो गई है। कुलपति ने पिछले दिनों इसकी जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद मूल्यांकन की गुणवत्ता की जांच की गई। अब विवि ने तय किया है कि शून्य अंक देने वाले प्राध्यापकों को चेतावनी पत्र दिया जाएगा। जांच में यह भी पता चला है कि कुछ संस्थान-महाविद्यालयों में आंतरिक परीक्षा में परीक्षार्थियों को अधिक अंक दिए गए हैं। इसलिए अब तय हुआ है कि प्रत्येक संकाय के समस्त कक्षा एवं विषयों को संकायाध्यक्ष की संस्तुति पर न्यूनतम उत्तीर्ण अंक दिए जाएंगे। यह निर्णय भविष्य में रूलिंग नहीं मानी जाएगी।

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विवि प्रशासनिक भवन में कुलपति प्रो. केएस राणा की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय हुआ कि जिन परीक्षार्थियों को आंतरिक परीक्षा में मिले अंकों के संबंध में आपत्ति है, उन्हें संकायाध्यक्ष या प्राचार्य के समक्ष प्रत्यावेदन देना होगा, जिसके बाद उत्तर पुस्तिका संबंधित विभागाध्यक्ष के माध्यम से परीक्षार्थी को दिखाया जाना आवश्यक होगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिन प्राध्यापकों ने आंतरिक परीक्षा में शून्य अंक दिए हैं, उन्हें इस आशय का न्यायसंगत व सुस्पष्ठ कारण संकायाध्यक्ष को देना होगा। इसके लिए शून्य अंक देने वाले परिसर, महाविद्यालय व संस्थानों के शिक्षकों को संकायाध्यक्ष के माध्यम से चेतावनी पत्र जारी किया जाएगा। इसके अलावा संकायाध्यक्ष विभागाध्यक्षों की बैठक लेंगे, जिसमें परीक्षार्थी को आगामी परीक्षा में आंतरिक व प्रयोगात्मक परीक्षा में न्यूनतम अंक देने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। आंतरिक परीक्षा एवं प्रयोगात्मक परीक्षा में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त होने पर समस्त ऐसे विद्यार्थियों की आंतरिक व प्रयोगात्मक परीक्षा की उत्तर पुस्तिका के अंकों की जांच का अधिकार विवि के पास सुरक्षित रहेगा।

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