Move to Jagran APP

छात्रवृत्ति घोटाले के मुख्य आरोपित संयुक्त निदेशक नौटियाल की जमानत मंजूर nainital news

हाई कोर्ट ने चर्चित छात्रवृति घोटाले में मुख्य आरोपित समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल की जमानत मंजूर कर ली है। नौटियाल एक नवंबर से जेल में बंद है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 06:26 PM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 10:34 AM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाले के मुख्य आरोपित संयुक्त निदेशक नौटियाल की जमानत मंजूर nainital news
छात्रवृत्ति घोटाले के मुख्य आरोपित संयुक्त निदेशक नौटियाल की जमानत मंजूर nainital news

नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने चर्चित छात्रवृति घोटाले में मुख्य आरोपित समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल की जमानत मंजूर कर ली है। नौटियाल एक नवंबर से जेल में बंद है। एसआइटी ने उन्हें घोटाले में गिरफ्तार किया था। नौटियाल पर इस घोटाले मेें करीब 16 करोड़ की हेराफेरी का आरोप है।

loksabha election banner

मंगलवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की एकलपीठ में नौटियाल की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना था कि सरकार ने 2006, 2009 के शासनादेश के आधार पर उन्हें 2012 में छात्रवृत्ति देने को कहा था। शासनादेश के आधार पर ही नौटियाल द्वारा छात्रवृत्ति की धनराशि जारी की और कभी भी सरकारी धन का उपयोग निजी हित के लिए नहीं किया। छात्रवृत्ति का जो भी बजट मिला था, उनके द्वारा संबंधित संस्थानों को भुगतान किया गया। कोर्ट ने पूर्व में ही घोटाले में सह अभियुक्त अनुराग शंखधर सहित अन्य की भी जमानत मंजूर कर दी थी। इसी आधार पर नौटियाल की जमानत मंजूर कर ली।

यहां उल्लेखनीय है कि छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपित तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी व वर्तमान में संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल मुकदमा दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे। मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन होने कारण सुप्रीम कोर्ट ने मामला यहीं रेफर कर दिया था। दोनों ही कोर्ट द्वारा नौटियाल की गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगाई थी। जिसके बाद  नौटियाल द्वारा एससी-एसटी आयोग में प्रार्थना पत्र दाखिल कर खुद का उत्पीडऩ होने का आरोप लगाया। कहा कि एसआइटी द्वारा पूछताछ के नाम पर उत्पीडऩ किया जा रहा है। जिसके बाद आयोग ने नौटियाल पर कार्रवाई नहीं करने के आदेश पारित किए थे।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में आबादी नहीं भौगोलिक आधार पर हो परिसीमन, याचिका निस्‍तारित

यह भी पढ़ें : कोर्ट में सुनवाई के दौरान एसडीएम को बार उपाध्यक्ष ने दी धमकी, मुकदमा दर्ज


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.