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जयपुर की दो जेलों में 130 कैद‍ियों में कोरोना मिलने से हड़कंप, हर जिले में अस्थायी जेल बनाने के निर्देश

इंदाैर आगरा रोहणी दिल्ली के बाद राजस्थान के जयपुर की दो जेलों में तीन दिन के भीतर कोरोना पॉजीटिव 130 कैदी मिलने से कारागार महकमे में हड़कंप मच गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 05:49 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 05:49 PM (IST)
जयपुर की दो जेलों में 130 कैद‍ियों में कोरोना मिलने से हड़कंप, हर जिले में अस्थायी जेल बनाने के निर्देश
जयपुर की दो जेलों में 130 कैद‍ियों में कोरोना मिलने से हड़कंप, हर जिले में अस्थायी जेल बनाने के निर्देश

हल्द्वानी, जेएनएन : इंदाैर, आगरा, रोहणी दिल्ली के बाद राजस्थान के जयपुर की दो जेलों में तीन दिन के भीतर कोरोेना पॉजीटिव 130 कैदी मिलने से कारागार महकमे में हड़कंप मच गया है। कारागार मुख्यालय से सभी जिलों के प्रशासन को पत्र लिखकर अस्थायी जेल बनाने के लिए कहा है। इसमें नए कैदियों को एक माह तक रखा जाएगा। इसके बाद स्वस्थ कैदी को ही स्वास्थ्य परीक्षण के बाद स्थायी जेलाें में दाखिल किया जाएगा। वहीं काफी कम सजा के अपराधों के कैदियों को थानों से ही जमानत पर रिहा किया जा रहा है।

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कुमाऊं मंडल में सबसे बड़ी जेल हल्द्वानी में है। इसके अलावा नैनीताल व अल्मोड़ा में भी दो जेल हैं। जबकि सितारगंज में खुली जेल व संपूर्णानंद जेल और चम्पावत, डीडीहाट व पिथौरागढ़ में बंदी गृह हैं। चम्पावत व पिथौरागढ़ के सभी प्रकार के अपराधों में वांछित कैदियों काे बंदी गृहों में ही रखा जाता है।

नैनीताल जेल में 71 की क्षमता के सापेक्ष 125, हल्द्वानी में 382 के सापेक्ष 1100, अल्मोड़ा जेल में 102 के सापेक्ष 168 कैदी और संपूर्णानंद व खुली जेल में 512 के सापेक्ष 627 कैदी हैं। तीनों बंदी गृहों में क्षमता के मुताबिक ही कैदी हैं। नैनीताल जिले के वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया कि कारागार महकमे के आइजी पीवीके प्रसाद ने सभी जिला प्रशासन को कारागार या बंदी गृहों से अलग अस्थायी जेल चिह्नित कर बनाने के लिए कहा है।

जिसमें सभी प्रवृति के अपराधों में लिप्त नए कैदियों को एक माह तक रखकर मॉनीटर किया जाएगा। इस दौरान अगर किसी कैदी केे स्वास्थ्य परीक्षण में कोरोना के लक्षण मिले तो उसका टेस्ट कराया जाएगा। अस्थायी जेल के लिए जगह चिह्नित करने का काम प्रशासन के साथ किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व में नैनीताल जिले में बंद दो कैदियों में कोरोना के लक्षण होने का संदेह हाेने पर डॉ. सुशीला तिवाड़ी अस्पताल में भर्ती कर टेस्ट कराया गया। हालांकि दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आयी थी।

लॉक डाउन के दौरान नैनीताल जिले की दो जेलों में आये 102 नए कैदी

नैनीताल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के दौरान अब तक हल्द्वानी जेल में आए 90 बंदी आ चुके हैं। सभी का पहले स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया उसके बाद जेल के भीतर ही क्वारंटाइन बैरक भेजा गया। क्वारंटाइन अवधि पूरी होने पर 45 बंदियों को सामान्य बैरक में शिफ्ट कर दिया गया है। नैनीताल जेल में 12 बंदी आए। इसमें से कोरोना संदिग्ध होने पर दो मरीजों का सुशीला तिवाड़ी अस्पताल में कोरोना टेस्ट कराया गया। हालांकि दोनों को जांच में रिपोर्ट निगेटिव आने पर जेल वापस ले आया गया है।

कैदियों की मुलाकात व पेशी पर पहले से प्रतिबंध

वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बतायाा कि कोरोना संक्रमण को लेकर जेलों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। पहले सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए कैदियों की मुलाकात व न्यायालय में पेशी पर प्रतिबंध लगा दिया था। सभी कैदियों की ऑनलाइन पेशी करायी जा रही है। इसके कुछ समय बाद सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सात साल से कम सजा की श्रेणी में आने वाले कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहायी दे दी गई। इसके साथ ही जेल में आने वाले नए कैदियों काे क्वारंटाइन बैरक में रखा जा रहा है। नए कैदियों के स्वास्थ्य की जांच कराकर उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटीन बैरक में रखने के बाद ही सामान्य बैरकों में भेजा व उन बैरकाें के कैदियों से मिलने दिया जा रहा है।

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