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panchayat election पंचायत चुनाव में विकास के बजाय, इस बार जंगली जानवर रहा चुनावी मुद्दा

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में जंगली जानवरों का आतंक भी मुख्य चुनावी मुद्दा रहा। कई प्रत्याशियों ने भी उन्हें जंगली जानवरों के आतंक से मुक्ति दिलाने के आश्वासन दिए।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 01:12 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 08:53 PM (IST)
panchayat election पंचायत चुनाव में विकास के बजाय, इस बार जंगली जानवर रहा चुनावी मुद्दा
panchayat election पंचायत चुनाव में विकास के बजाय, इस बार जंगली जानवर रहा चुनावी मुद्दा

राकेश सनवाल भीमताल। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में जंगली जानवरों का आतंक भी मुख्य चुनावी मुद्दा रहा। ग्रामीणों का रुख भांपते हुए कई प्रत्याशियों ने भी विकास के बजाय उन्हें जंगली जानवरों के आतंक से मुक्ति दिलाने के आश्वासन दिए। खेतों में तैयार फसल को नुकसान पहुंचाने वाले जंगली जानवरों के आतंक का असर शुक्रवार को यहां मतदान प्रतिशत में भी देखने को मिला। विकासखंड धारी व रामगढ़ में मतदान के दौरान सुबह के दो घंटों के बीच मतदान 15 प्रतिशत तक भी नहीं पहुंच सका। सुबह के वक्त विकासखंड धारी के गुनीगांव पोलिंग बूथ पर गांव के लगभग हर परिवार में से एक-एक सदस्य ही वोटिंग के लिए लाइन में खड़ा था। जिस कारण दो घंटों में मत प्रतिशत 15 प्रतिशत को भी पार नहीं कर सका था।

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वहीं कई उम्मीदवारों को इस बार वोटरों की खरी-खोटी भी सुननी पड़ी। धारी में एक बुजुर्ग महिला से मतदान में अकेले आने की बात जब एक उम्मीदवार ने पूछी तो बुजुर्ग महिला ने बताया कि जब वह वोट देकर घर लौटेगी तब परिवार के अन्य सदस्य वोट डालने आएंगे। बुजुर्ग महिला ने बताया कि बंदरों से खेतों में फसल को बचाने के लिए परिवार के बाकी सदस्यों को वहां मौजूद होना आवश्यक है। वहीं वोट डालने पहुंचे मतदाता मोहन, प्रदीप, प्रकाश, रवि आदि ने कहा कि इस बार गांव में प्रत्याशियों ने विकास के वादों के बजाय गांवों को बंदरों और अन्य जंगली जानवरों के आतंक से निजात दिलाने के वादे किए हैं।

उनका कहना था कि मतदाताओं ने इस बार विकास को दरकिनार करते हुए जंगली जानवरों और बंदरों की समस्या से निजात दिलाने वाले उम्मीदवारों को ही प्राथमिकता दी है। वहीं ग्रामीण महिलाओं में मतदान को लेकर जोश खासा देखा गया। बीमार और बुजुर्ग होने के बावजूद वोट डालने और अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए महिलाएं पोलिंग बूथ तक पहुंची और लाइन में खड़े होकर मत डाले। गुनीगांव निवासी चंद्रावती तो पांव में प्लास्टर चढऩे के बावजूद लगभग तीस मीटर ऊंचाई में चढ़कर पोलिंग बूथ में वोट डालने पहुंची थी। वहीं 78 वर्षीय कांति बल्लभ गुणवंत का कहना था कि अपने जीवन काल में उन्होंने अब तक सभी चुनावों में मतदान किया है।

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