एनएच मुआवजा घोटाला: आइएएस पंकज पांडे को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
एनएच भूमि मुआवजा घोटाला मामले में आईएएस डॉ. पंकज कुमार पांडे को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल सकी। कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका को सुनने से इन्कार कर दिया।
नैनीताल, [जेएनएन]: एनएच 74 भूमि मुआवजा घोटाला मामले में आईएएस डॉ. पंकज कुमार पांडे को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल सकी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद शर्मा की कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका को सुनने से इन्कार कर दिया।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने तकनीकी आधार पर याचिका को सुनने से मना कर दिया, अब शुक्रवार को दूसरी बैंच मामले में सुनवाई करेगी। हाल ही में शासन ने ऊधमसिंह नगर के पूर्व डीएम डॉ पंकज कुमार पाण्डे के साथ ही पूर्व डीएम चंद्रेश यादव को निलंबित कर दिया था।
आरोप है कि उनके द्वारा बतौर जिलाधिकारी दस्तावेजों में हेराफेरी कर राजमार्ग के लिए अधिग्रहित भूमि का भू उपयोग बदला गया। इस मामले की जांच कर रही एसआइटी अब तक 211 करोड़ के घोटाले की पुष्टि कर चुकी है जबकि अनुमान है कि यह घोटाला करीब पांच सौ करोड़ का है।
एसआइटी अब तक इस मामले में 23 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है जबकि विशेष न्यायाधीश एंटी करप्शन नरेंद्र दत्त की कोर्ट ने हाल ही में 18 किसानों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए जबकि चार के खिलाफ कुर्की व संपत्ति कुर्क करने का नोटिस जारी किया। जिसके बाद दो किसान सरेंडर कर चुके हैं।
एसआइटी ने इस मामले में डॉ पाण्डे व यादव की भूमिका संदिग्ध मानते हुए शासन को अवगत कराया, साथ ही अभियोजन की भी अनुमति मांगी है। पिछले दिनों पूछताछ भी हो चुकी है। शासन की हरी झंडी मिलते ही एसआईटी गिरफ्तारी की कार्रवाई को अंजाम दे सकती है।
जिसके बाद डॉ पाण्डे ने याचिका दायर कर अग्रिम जमानत मांगी है। गुरुवार को न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की कोर्ट ने मामले को सुनने से पहले इसे दूसरी बैंच को रेफर कर दिया। जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश द्वारा दूसरी बैंच के लिए मामला लिस्टेड कर दिया। अब इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी।
अब तक का सबसे बड़ा घोटाला
एनएच मुआवजा घोटाला उत्तराखंड का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। अब तक 545 दिन की जांच में एसआइटी 211 करोड़ रुपये घोटाले की पुष्टि कर 23 लोगों को जेल भेज चुकी है। माना जा रहा है कि कई और किसान जहां जेल जा सकते हैं, वहीं घोटाला भी 300 करोड़ तक पहुंच सकता है।
एनएच मुआवजा घोटाले में केस दर्ज होने के बाद 15 मार्च 2017 को घोटाले की जांच को एसआइटी का गठन किया गया था। जांच के दौरान एसआइटी ने सात नवंबर को निलंबित पीसीएस भगत सिंह फोनिया समेत आठ अधिकारी और कर्मचारियों को गिरफ्तार कर गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू कर दिया था। करीब 545 दिन की जांच में एसआइटी अब तक 23 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
यह भी पढ़ें: कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश हुए एनएच घोटाले के आरोपित
यह भी पढ़ें: एनएच-74 घोटाला मामले में किसान ने लौटाया पांच लाख का मुआवजा
यह भी पढ़ें: एनएच-74 मुआवजा घोटाले में मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज