सीटीआर में घुसे उत्तर प्रदेश के शिकारी, तीन दबोचे, पांच हाे गए फरार
चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच शिकारियों ने घुसपैठ कर दी। विभागीय कर्मियों की सक्रियता के चलते उत्तर प्रदेश के तीन शिकारी दबोच लिए गए। जबकि पांच फरार हो गए।
रामनगर, जेएनएन : चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच शिकारियों ने घुसपैठ कर दी। विभागीय कर्मियों की सक्रियता के चलते उत्तर प्रदेश के तीन शिकारी दबोच लिए गए। जबकि पांच फरार हो गए। उनकी गिरफ्तारी के लिए जंगल को स्कैन किया गया, लेकिन उनका पता नहीं चला। गश्ती टीम को मौके से कुल्हाड़ी व जाल बरामद हुआ है। आरोपितों को पौड़ी जेल भेज गया है। घुसपैठ की इस घटना से बाघों की सुरक्षा पर भी खतरा मंडराने लगा है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व डिविजन में वनकर्मी गश्त कर रहे थे। इस दौरान प्लेन रेंज के पाखरो क्षेत्र में कुछ लोग जाल लगाकर वन्य जीव को मारने के लिए घात लगाकर बैठे थे। गश्ती टीम ने आरोपितों की घेराबंदी शुरू कर दी। टीम को देखकर शिकारियों में हड़कंप मच गया। पांच शिकारी तो मौके से फरार होने में कामयाब रहे, लेकिन तीन शिकारियों को वनकर्मियों ने किसी तरह पकड़ लिया। वनकर्मी लगाए गए जाल को निकालकर ले आए। उन्हें पकड़कर कालागढ़ वन प्रभाग के डिविजन लाया गया, जहां पूछताछ के दौरान आरोपितों ने अपना नाम उप्र. जिला बिजनौर के थाना बड़ापुर साहलीपुर निवासी बंटी, फूल सिंह व मुन्ने बताया। उन्होंने फरार आरोपितों के नाम भी बताए। हालांकि आरोपितों ने सूअर मारने के लिए जाल लगाने की बात कबूली है, लेकिन कॉर्बेट में उनके घुसपैठ से बाघों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
वन्यजीवों को काटने के लिए लाए थे कुल्हाड़ी
शिकारियों के पास से कुल्हाड़ी मिली है। शिकारी वन्य जीव को जाल में फांसने के बाद कुल्हाड़ी से काट डालते। इसके बाद उसे छिपाकर अपने साथ ले जाते। गनीमत रही कि वह अपने मंसूबों में सफल नहीं हो पाए।
फरार पांच आरोपितों के खिलाफ भी वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत शिकार करने का मुकदमा दर्ज किया गया है। फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए उनकी तलाश की जा रही है।
- एके त्रिपाठी, डीएफओ कालागढ़ वन प्रभाग सीटीआरकालागढ़ डिविजन में तीन शिकारी पकड़े गए हैं। उनके पास से जाल मिले हैं। क्षेत्र में गश्त तेज करने के लिए कहा गया है।
- राहुल, निदेशक सीटीआर
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