हाई कोर्ट ने नगर निगम को कूड़ा डालने की अनुमति नहीं दी
नैनीताल हाई कोर्ट ने हल्द्वानी के वर्तमान ट्रेन्चिंग ग्राउंड में नगर निगम को कूड़ा डालने की अनुमति आज भी नही दी।
नैनीताल, [जेएनएन]: हाई कोर्ट ने हल्द्वानी के वर्तमान ट्रेन्चिंग ग्राउंड में नगर निगम को कूड़ा डालने की अनुमति आज भी नही दी। नगर निगम ने सड़कों गलियों में फैले कूड़े के निरस्ताण के लिए जनहित याचिका में रीकॉल ऍप्लिकेशन डालकर ट्रेन्चिंग ग्राउंड में कूड़ा डालने की अनुमति मांगी थी, लेकिन खंडपीठ ने नगर निगम को कल तक कूड़ा निस्तारण की अनुमति नहीं दी है।
मामले में पुनःविचार याचिका दायर की गई है, जिसमें न्यायालय ने अपर प्रमुख वन संरक्षक को 24 घंटे के भीतर कूड़ा निस्तारण के लिए 4 हैकटेयर जमीन नगर निगम को हस्तांतरित कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है। वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने एक हफ्ते में सॉलिड वेस्ट को साइंटिफिक तरीके से निस्तारित करने के लिए राज्य सरकार से प्लांट लगाने के प्रोजेक्ट की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है।
खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कूड़ा निस्तारण पर काम नहीं करने के लिए नैनीताल नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी की ट्रांसफर करने की बात भी कही। मामले के अनुसार हल्द्वानी के इंदिरा नगर जनविकास समिति ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी जिसमे कहा गया था कि नगर निगम हल्द्वानी शहर का मेडिकल वेस्ट व कूड़ा इंदिरा नगर व गौला नदी के पास डाला जा रहा है इसके आस पास लगभग 30 हजार लोग निवास करते है।
जिससे कभी भी कोई महामारी होने की आशंका बनी रहती है। बस्ती में कूड़ा डाला जाना नियम विरुद्ध है। 2017 में खंडपीठ ने इस क्षेत्र में कूड़ा डालने पर रोक लगा दी थी, फिर भी नगर निगम द्वारा हल्द्वानी, नैनीताल, भवाली सहित रुद्रपुर का कूड़ा यहां डंप किया जा रहा है। 10 जुलाई 2018 को खंडपीठ ने इस क्षेत्र में कूड़ा डालने पर रोक लगा रखी है। नगर निगम ने अपने प्रार्थना पत्र में कहा है कि उन्होंने ट्रेन्चिंग ग्राउंड कें लिए अभी उनको वन विभाग से अनुमति नहीं मिली है और उन्होंने इसके एवज में पेड़ लगाने के लिए वन विभाग को 15 लाख रूपये वन विभाग को दे दिए है।
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