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सरकार ने कहा हटाया जा रहा है अतिक्रमण, याचिकाकर्ता ने कहा-गरीबों को हटाया जा रहा, रसूखदारों को नहीं

हाईकोर्ट में नदियों तालाबों नालों पर अतिक्रमण के मामले राज्य सरकार ने रिपोर्ट पेश कर कहा है कि अतिक्रमणकारियों को चिन्हित कर हटाया जा रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 05:53 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 05:53 PM (IST)
सरकार ने कहा हटाया जा रहा है अतिक्रमण, याचिकाकर्ता ने कहा-गरीबों को हटाया जा रहा, रसूखदारों को नहीं

नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट में नदियों, तालाबों, नालों पर अतिक्रमण के मामले राज्य सरकार ने रिपोर्ट पेश कर कहा है कि अतिक्रमणकारियों को चिन्हित कर हटाया जा रहा है। जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने आपत्ति जताते हुए कहा अतिक्रमण के नाम पर गरीब तबके को हटाया जा रहा जबकि रसूखदारों के अतिक्रमण नहीं हटाए जा रहे हैं। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से दो सप्ताह में प्रतिशपथ दाखिल करने को कहा है।

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मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगानाथन और न्यायाधीश आलोक वर्मा की खंडपीठ में देहरादून राजपुर क्षेत्र की पार्षद उर्मिला थापा की जनहित याचिका में सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया कि राजपुर क्षेत्र के नालों, खालों और ढांग पर बेइंतहां अतिक्रमण और निर्माण की बात कही गई थी, उसकी सुनवाई के दौरान देहरादून के जिलाधिकारी द्वारा शपथपत्र पेश कर दून घाटी की नदियों में 270 एकड़ में फैले अतिक्रमण की बात स्वीकारी गई। देहरादून में 100 एकड़, विकासनगर में 140 एकड़, ऋषिकेश में 15 एकड़, डोईवाला में 15 एकड़ करीब नदियों की भूमि अतिक्रमण की चपेट में है। याचिकाकर्ता द्वारा न्यायालय को बताया गया की इनका साइज़ 205 फुटबॉल फील्ड के बराबर है। अर्थात सरकारी आंकड़ों के ही मुताबिक दून घाटी में 205 फुटबाल फील्ड जितना अतिक्रमण किया गया है। यह हाल तो सरकार के आंकड़ों में है, वास्तव में स्थिति और बदतर है।

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