गोमुख से झील हटाने को सरकार ले इसरो और एनडीआरएफ की मदद
हार्इकोर्ट ने राज्य सरकार को गोमुख ग्लेशियर के पिघलने से बनी झील को हटाने के लिए एनडीआरएफ और इसरो की मदद लेने के निर्देश दिए हैं।
नैनीताल, [जेएनएन]: हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि गोमुख ग्लेशियर के पास ग्लेशियर पिघलने से बनी झील को हटाने के लिए इसरो और एनडीआरएफ की मदद ली जाए। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ और न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की खंडपीठ ने इस मामले मे सरकार की बेरुखी पर नाराजगी प्रकट की है।
दिल्ली निवासी अजय गौतम ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि गोमुख ग्लेशियर के समीप विशाल झील बन गई है। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने केदारनाथ में गांधी सरोवर टूटने से हुई त्रासदी से सबक लेते हुए सरकार को गंभीरता से काम करने और झील हटाने को कहा है। कोर्ट ने इसरो और एनडीआरएफ की मदद लेने के निर्देश भी दिए हैं। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि गोमुख में बनी झील केदारनाथ मे चौराबाड़ी झील से भी बड़ी है और उससे ज्यादा खतरनाक भी है।
इधर नैनीताल पहुंचे राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने गोमुख ग्लेशियर में बनी झील को बड़ा खतरा मानने से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि सेटेलाइट के माध्यम से झील के संबंध में जानकारी ली जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि शासन इस मामले में संजीदा है और कोर्ट के जो भी दिशा-निर्देश होंगे, उनका अनुपालन किया जाएगा।
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