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जवाहर नवोदय विद्यालय सुयालबाड़ी भवन की दरारें चौड़ी हुईं, भूवैज्ञानिकों ने बताया खतरा, लखनऊ भेजी रिपोर्ट

नैनीताल जिले में अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय सुयालबाड़ी भवन की गहरी होती दरारें बड़े खतरे की ओर इशारा कर रही हैं। भूगर्भीय सर्वे के बाद विद्यालय को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है। भूवैज्ञानिकाेें ने खतरे का अंदेशा जताया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 09:09 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 09:09 AM (IST)
जवाहर नवोदय विद्यालय सुयालबाड़ी भवन की दरारें चौड़ी हुईं, भूवैज्ञानिकों ने बताया खतरा, लखनऊ भेजी रिपोर्ट
जवाहर नवोदय विद्यालय सुयालबाड़ी भवन की दरारें चौड़ी हुईं, भूवैज्ञानिकों ने बताया खतरा, लखनऊ भेजी रिपोर्ट

संवाद सहयोगी, गरमपानी : नैनीताल जिले में अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय सुयालबाड़ी भवन की गहरी होती दरारें बड़े खतरे की ओर इशारा कर रही हैं। भूगर्भीय सर्वे के बाद विद्यालय को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है। विद्यालय के प्राचार्य ने भी रिपोर्ट लखनऊ स्थित मुख्यालय को भेज दी है।

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अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर गंगरकोट (सुयालबाडी़) क्षेत्र में वर्षों पूर्व जवाहर नवोदय विद्यालय के भवन का निर्माण किया गया। प्रदेशभर के अलग-अलग जनपदों के विद्यार्थी जवाहर नवोदय विद्यालय में अध्ययनरत हैं पर पिछले कुछ वर्षों से  विद्यालय परिसर में दरारें गहरी होती जा रही है। पहले विद्यालय प्रबंधन ने इसे महज दरार समझ इसे दुरुस्त करा लिया पर समय के साथ-साथ दरारें गहरी होती चली गईं। 

खतरा गहराता देख विद्यालय प्रबंधन ने उच्च अधिकारियों को सूचना दे विद्यालय का भूगर्भीय सर्वे कराया। अल्मोड़ा की भूवैज्ञानिक प्रिया जोशी ने विद्यालय पहुंच सर्वे किया। भूवैज्ञानिक ने पाया की प्रशासनिक कक्ष, प्रधानाचार्य आवास, छात्रावास कक्ष, पुस्तकालय आदि में जगह-जगह दरारें बढ़ती ही जा रही है। भूवैज्ञानिक प्रिया जोशी ने सर्वे के बाद विद्यालय प्रबंधन को सर्वे रिपोर्ट भी सौंप दी है। 

भू वैज्ञानिक प्रिया जोशी ने लगातार गहरी होती दरारें के चलते विद्यालय परिसर को संवेदनशील श्रेणी में रखा है। भू वैज्ञानिक के अनुसार दरारें धीरे-धीरे बढ़ रही है। रिपोर्ट में कहा है कि यदि समय रहते सुरक्षा के ठोस उपाय नहीं किए गए खतरा बढ़ सकता है। रिपोर्ट मिलने के साथ ही अब विद्यालय प्रबंधन ने भी लखनऊ स्थित विद्यालय के मुख्यालय से संपर्क साध रिपोर्ट भेज दी है।

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर भी मंडरा रहा खतरा

भू वैज्ञानिक ने अपनी रिपोर्ट में विद्यालय के साथ ही अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे को भी खतरा बताया है। विद्यालय ही नहीं बल्कि हाईवे व विद्यालय के आसपास की भूमि भी भूधंसाव की जद में है। भू वैज्ञानिक ने अपनी रिपोर्ट में विद्यालय प्रबंधन को सतर्क करते हुए कहा है कि बारिश के दौरान पानी का ठोस निस्तारण किया जाना चाहिए यदि दरारों में पानी गया तो भूमि की मिट्टी भारी होने पर भूस्खलन का खतरा बढ़ जाएगा।

बढ़ती जा रही है दरारें, जल्‍द कराना हो ट्रीटमेंट 

मुख्य अभियंता कार्यालय लोनिवि अल्मोडा़ के भूवैज्ञानिक प्रिया जोशी ने बताया कि भूगर्भीय सर्वे के बाद रिपोर्ट विद्यालय प्रबंधन को सौंप दी गई है। विद्यालय संवेदनशील श्रेणी में है। तमाम स्थानों पर दरारें बढ़ती जा रही है। जल्द ठोस उपाय करने होंगे। जवाहर नवोदय विद्यालय गंगरकोट (सुयालबाडी) के प्राचार्य राज सिंह का कहना है कि लगातार दरारें बढ़ती जा रही है। कई बार मरम्मत कराने के बावजूद दरारें गहरा रही हैं।  भूगर्भीय सर्वे की रिपोर्ट मिलने के बाद लखनऊ मुख्यालय स्थित उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी गई है।

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