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जल्द पदभार ग्रहण करेंगे पंत विवि के नए कुलपति, पहाड़ के लोगों को जैविक खेती के लिए करेंगे प्रेरित

जीबी पंत कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर (GB Pant University) के नए कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान (Dr Manmohan Singh Chouhan) पंतनगर विवि के नवनियुक्त कुलपति डा. चौहान नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट करनाल हरियाणा में निदेशक पद पर कार्यरत हैं। वह दो-तीन दिन में विवि में पदभार ग्रहण करेंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 09:02 AM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 09:02 AM (IST)
जल्द पदभार ग्रहण करेंगे पंत विवि के नए कुलपति, पहाड़ के लोगों को जैविक खेती के लिए करेंगे प्रेरित
जीबी पंत कृषि एवं प्रोद्योगिकी विवि के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान ने बताई प्राथमिकताएं

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : जीबी पंत कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर (GB Pant University) के नए कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान (Dr Manmohan Singh Chouhan) ने कहा कि यह विश्वविद्यालय उत्तराखंड के लिए सौभाग्य है।

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आज भी हमारे किसान भाई दूरस्थ क्षेत्रों में विषम परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। पलायन करने को विवश हैं। ऐसे में उन्हें जैविक खेती-बाड़ी के लिए प्रेरित करना और तकनीकी व वैज्ञानिक सहयोग देना हमारी प्राथमिकता में रहेगा।

पंतनगर विवि के नवनियुक्त कुलपति डा. चौहान नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट करनाल हरियाणा में निदेशक पद पर कार्यरत हैं। वह दो-तीन दिन में विवि में पदभार ग्रहण करेंगे।

बुधवार को जागरण संवाददाता से बातचीत में डा. चौहान ने बताया कि हमें यह देखना है कि उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में किसानों की आवश्यकता क्या है? उन्हें किस तरह की प्रशिक्षण की आवश्यकता है? बकरी, भेड़ पालन से लेकर हार्टिकल्चर में कहां किस तरह की संभावनाएं हैं? इस पर काम होगा। इसके अतिरिक्त राज्य के तमाम परंपरागत उत्पादों को बढ़ाने पर फोकस रहेगा। मधुमक्खी के शहद में भी बहुुत काम हो सकता है।

पौड़ी गढ़वाल के जामल गांव के मूल निवासी व गांवों से जुड़े रहने वाले डा. चौहान ने बताया कि उच्च हिमालयी क्षेत्र, मध्य हिमालयी क्षेत्रों के अलावा राज्य के अन्य जगहों पर अलग-अलग तरह की आर्गनिक फार्मिंग होती है। इस पर काम करना मेरी प्राथमिकता में है। उन्होंने विश्वविद्यालय को श्रेष्ठ बताते हुए कहा कि इस विवि में विद्यान वैज्ञानिक हैं।

पहले काम दिखाउंगा, फिर बात करूंगा

प्रो. चौहान ने बताया कि पहले काम करूंगा। छह महीने तक काम पर ही पूरा फाेकस रहेगा। इसके बाद काम पर बात की जाएगी। काम करने में सभी का सहयोग लिया जाएगा। विवि में जिस तरह की भी समस्याएं होंगी, उन पर खुलकर चर्चा भी की जाएगी। उन्होंने नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट करनाल हरियाणा में निदेशक रहते हुए भी ऐसा ही किया है।

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