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कुमाऊं विवि के चार मेधावी यूपीएससी की परीक्षा पास कर भू वैज्ञानिक बने nainital news

पूर्वोत्तर के राज्य नागालैंड निवासी चारों मेधावियों ने संघ लोक सेवा आयोग की भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण परीक्षा पास कर ली है।

By Edited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 05:00 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 09:46 AM (IST)
कुमाऊं विवि के चार मेधावी यूपीएससी की परीक्षा पास कर भू वैज्ञानिक बने nainital news

नैनीताल, जेएनएन : कुमाऊं विवि के भूगर्भ विज्ञान के चार मेधावियों ने सफलता की छलांग लगाई है। पूर्वोत्तर के राज्य नागालैंड निवासी चारों मेधावियों ने संघ लोक सेवा आयोग की भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण परीक्षा पास कर ली है। एमएससी भूविज्ञान विभाग से पिछले साल पास आउट ताली लैपटेन, पोरसेई, मेलिरो इमकांगे मैम्ला, अरनैला यूपीएससी की परीक्षा व साक्षात्कार में सफल होने के बाद भू वैज्ञानिक पद पर चयनित हुए हैं। दो दिन पहले ही परिणाम घोषित हुआ है।

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कुल 50 पदों के लिए हुई थी परीक्षा

भूगर्भ विज्ञान विभाग के प्रो. राजीव उपाध्याय ने बताया कि कुल 50 पदों के लिए परीक्षा हुई थी। कुलपति प्रो. केएस राणा ने चारों छात्रों की सफलता पर हर्ष जताते हुए बधाई दी है। विभागाध्यक्ष प्रो. जीके शर्मा, पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. सीसी पंत, प्रो. संतोष कुमार ने चारों छात्रों को विभाग का आइकॉन बताते हुए बधाई दी है। साथियों ने मनाया जश्न चार छात्रों के परीक्षा में सफलता मिलने पर साथियों ने जश्न मनाया। कुमाऊं विवि में नागालैंड के ढाई दर्जन से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययन व शोध कर रहे हैं।

दस से अधिक छात्र यूपीएससी जीएसआइ की परीक्षा कर चुके हैं पास

पूर्वोत्तर छात्रों के समूह के छात्रनेता सोरेगम के अनुसार, पिछले एक दशक में दस से अधिक छात्र यूपीएससी जीएसआइ की परीक्षा पास कर चुके हैं। मंगलवार को सोरेगम के नेतृत्व में अथांग, मचिंबा, बौना, सोनन, सोथन, मेटिना, कमलानो, चॉनमेसिंग आदि ने साथियों की सफलता पर जश्न मनाया। कहा कि जल्द चारों मेधावियों को नैनीताल आने पर पार्टी दी जाएगी। 50 से अधिक प्रथम श्रेणी अफसर बने 1975 में स्थापित भूविज्ञान विभाग विवि की साख बढ़ाने का जरिया बन गया है।

पद्मभूषण वाल्दिया ने स्‍थापित किया था विभाग

प्रसिद्ध भूगर्भ विज्ञानी पद्मभूषण प्रो. केएस वाल्दिया ने इस विभाग को स्थापित किया था। वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. सीसी पंत बताते हैं कि विभाग में अध्ययन व शोध कर चुके 50 से अधिक छात्र-छात्राएं जीएसआइ समेत अन्य प्रथम श्रेणी के पद की परीक्षा पास कर चुके हैं, जो रिकॉर्ड है।

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