सावधान! यहां फैला है दिमागी बुखार, चार और लोगों की मौत
दिमागी बुखार तेजी से फैल रहा है। इसके चलते सुशीला तिवारी अस्पताल में चार और लोगों की मौत हो गर्इ है।
हल्द्वानी, [जेएनएन]: कुमाऊं से लेकर उससे सटे उत्तर प्रदेश में दिमागी बुखार तेजी से फैल रहा है। एसटीएच में उपचार के दौरान चार और मरीजों की मौत हो गई हैं। इन मरीजों की एलाइजा जांच में बीमारी की पुष्टि भी हो गई थी। अब तक छह मरीजों की जान चली गई है।
चम्पावत के सात वर्षीय दीपांशु को 29 अगस्त को भर्ती किया गया था। उपचार के दौरान 31 अगस्त को बच्चे की मौत हो गई थी। रामनगर की 10 वर्षीय मीरा भी एक्यूट इंसेफ्लाइटिस से ग्रस्त थी। एसटीएच में उपचार के दौरान पांच सितंबर को उसकी मौत हो गई। इसके अलावा इंसेफ्लाइटिस से ग्रस्त रामपुर के 10 वर्षीय शमद खान और अफजलगढ़ की सात वर्षीय हुमैरा ने भी दम तोड़ दिया है।
रामपुर की दो बहनें सात वर्षीय मोहिनी और 11 वर्षीय किरन भी तीन सितंबर से भर्ती हैं। जांच में दोनों बहनों के जापानी इंसेफ्लाइटिस (दिमागी बुखार) की पुष्टि हो गई है। छह और मरीज भर्ती हैं। इनका दिमागी बुखार के संदिग्ध लक्षणों के आधार पर उपचार चल रहा है। इसके बावजूद जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस तरह के मामले को ही नकारने में जुटे हैं।
चिकगुनिया के दो मरीज भर्ती
एसटीएच में चिकनगुनिया के दो मरीज भर्ती हैं। मेडिकल कॉलेज परिसर की 48 वर्षीय नीमा उप्रेती व ताड़ीखेत रानीखेत की 14 वर्षीय सरिता को चिकनगुनिया से ग्रस्त होने की पुष्टि हो गई है। इनका उपचार चल रहा है।
एसटीएच के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि अस्पताल में दिमागी बुखार व चिकनगुनिया के मरीजों का उपचार चल रहा है। वैसे दिमागी बुखार का कोई इलाज नहीं होता है। मरीज के कॉम्पलीकेशन के आधार पर उपचार किया जा रहा है। यहां पर मरीज गंभीर स्थिति में पहुंचते हैं। इसलिए भी इस बीमारी में सर्वाइव की संभावना कम हो जाती है।
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